ED ने किया 10 हजार करोड़ के घोटाले का पर्दाफाश: 269 बैंक खातों और 98 डमी कंपनियों का इस्तेमाल

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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बड़े मनी लॉन्ड्रिंग घोटाले का खुलासा किया है, जिसमें ठाणे के रहने वाले जितेंद्र पांडेय ने कथित तौर पर 10 हजार करोड़ रुपये विदेशों में ट्रांसफर किए। इस घोटाले को अंजाम देने के लिए आरोपी ने 269 बैंक खाते, 98 डमी कंपनियां, और 12 प्राइवेट फर्म्स का इस्तेमाल किया।

घोटाले का तरीका:

  1. शेल कंपनियां और बैंक खाते:
    • 98 डमी कंपनियां और 12 प्राइवेट फर्म बनाई गईं।
    • इन कंपनियों के नाम पर 269 बैंक खाते खोले गए।
  2. रकम का ट्रांसफर:
    • इन खातों से बड़ी रकम हॉन्गकॉन्ग, सिंगापुर, और थाईलैंड में स्थित कंपनियों के बैंक खातों में ट्रांसफर की गई।
    • माल भाड़े और विदेशी व्यापार के नाम पर यह ट्रांजैक्शन दिखाया गया।
  3. रुपयों का इस्तेमाल:
    • अवैध तरीके से जुटाई गई रकम को विदेश भेजने के लिए नकली दस्तावेजों का सहारा लिया गया।

जांच और छापेमारी:

  • 2 जनवरी 2025 को:
    • मुंबई, ठाणे, और वाराणसी में 11 लोकेशंस पर ED ने रेड डाली।
    • 1 करोड़ रुपये कैश और जूलरी बरामद।
    • बड़े पैमाने पर अचल संपत्ति से जुड़े दस्तावेज भी मिले।
  • ठाणे पुलिस की रिपोर्ट:
    • जितेंद्र पांडेय और उसके सहयोगियों के खिलाफ ठाणे पुलिस की इकनॉमिक ऑफेंसेज विंग ने एफआईआर दर्ज की थी।
    • इस एफआईआर के आधार पर ED ने जांच शुरू की।

चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की भूमिका:

ED के अनुसार, इस पूरे घोटाले में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स का अहम रोल था।

  • इन प्रोफेशनल्स ने शेल कंपनियां बनाने और नकली दस्तावेज तैयार करने में मदद की।
  • फर्जी दस्तावेजों के जरिए बैंक खातों में रकम ट्रांसफर करवाई गई।

क्या-क्या बरामद हुआ?

  1. कैश और जूलरी:
    • 1 करोड़ रुपये नकद।
    • बहुमूल्य गहने।
  2. दस्तावेज:
    • अचल संपत्तियों से जुड़ी जानकारी।
    • मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत।

मामले का मौजूदा स्टेटस:

  • ED की जांच में यह सामने आया कि पैसे विदेशों में माल भेजने या मंगाने के फर्जी दावों के आधार पर ट्रांसफर किए गए।
  • अब तक यह पता नहीं चल पाया है कि ट्रांसफर की गई रकम किन लोगों की है।
  • जांच के तहत और चौंकाने वाले खुलासे सामने आ सकते हैं।

आगे की कार्रवाई:

  1. जितेंद्र पांडेय और अन्य सहयोगियों की भूमिका:
    • आरोपी और उसके साथियों से गहन पूछताछ जारी।
  2. शेल कंपनियों का नेटवर्क:
    • कंपनियों और उनके बैंक खातों की गतिविधियों की विस्तार से जांच।
  3. विदेशी कंपनियों की भूमिका:
    • हॉन्गकॉन्ग, सिंगापुर और थाईलैंड में जिन कंपनियों को रकम ट्रांसफर हुई, उनकी जांच शुरू।

ED की सख्ती:

यह मामला न केवल मनी लॉन्ड्रिंग का बड़ा उदाहरण है, बल्कि यह दिखाता है कि फर्जी कंपनियों और बैंक खातों के जरिए देश से अवैध रूप से पैसा बाहर भेजा जा रहा है। ED ने इस मामले में कार्रवाई तेज कर दी है और आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।