कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से जुड़े मामले में गिरफ्तार चार भारतीयों को गुरुवार को जमानत तो मिली, लेकिन वे अभी भी हिरासत में रहेंगे। कनाडा के अटॉर्नी जनरल मंत्रालय से जुड़े एक वकील ने यह जानकारी दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि कनाडाई कोर्ट ने चारों आरोपियों के खिलाफ हिरासत का आदेश जारी किया है, और उनकी रिहाई पर कोई सुनवाई नहीं हुई है।
हिरासत में रहेंगे आरोपी
इससे पहले कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि चारों भारतीयों को रिहा कर दिया गया है। लेकिन गुरुवार को एक अधिकारी ने स्थिति स्पष्ट करते हुए बताया कि करण बराड़, कमलप्रीत सिंह, करणप्रीत सिंह और अमनदीप सिंह, जो पिछले साल से कनाडाई पुलिस की हिरासत में हैं, को ताजा डिटेंशन ऑर्डर के तहत अगली सुनवाई तक हिरासत में ही रहना होगा।
चारों भारतीयों पर फर्स्ट-डिग्री मर्डर और हत्या की साजिश रचने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इन पर निज्जर की हत्या में संलिप्त होने का आरोप है, और फिलहाल मामले की अगली सुनवाई 11 फरवरी, 2025 को होनी है।
हत्या और भारत पर ट्रूडो के आरोप
हरदीप सिंह निज्जर की हत्या 18 जून, 2023 को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे इलाके में हुई थी। तीन महीने बाद, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाउस ऑफ कॉमन्स में भारत पर इस हत्या की साजिश रचने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हत्या और भारतीय एजेंटों के बीच संभावित संबंधों के “विश्वसनीय आरोप” हैं।
भारत ने ट्रूडो के इन आरोपों को पूरी तरह निराधार और बेतुका बताया और इसे खारिज कर दिया। भारत ने कहा कि इस मामले में लगाए गए आरोपों का कोई ठोस आधार नहीं है और ये सिर्फ राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं।
आरोपियों का अब तक का मामला
- करण बराड़, कमलप्रीत सिंह, और करणप्रीत सिंह को मई 2023 में गिरफ्तार किया गया था।
- अमनदीप सिंह को नवंबर 2023 में नौ अन्य मामलों में गिरफ्तार किया गया और बाद में इस हत्या के मामले में भी नामजद किया गया।
कनाडा की पुलिस के अनुसार, चारों आरोपियों पर हत्या की साजिश रचने और इसमें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल होने के पुख्ता सबूत हैं।
अगली सुनवाई की तारीख
अब इन चारों आरोपियों की अगली पेशी 11 फरवरी, 2025 को होगी। इससे पहले तक उन्हें हिरासत में ही रखा जाएगा। कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान अन्य महत्वपूर्ण तथ्य और सबूत पेश किए जाएंगे।
निज्जर हत्या मामला: बढ़ते तनाव का कारण
हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संबंधों में तनाव बढ़ गया। ट्रूडो के आरोपों ने इस तनाव को और गहरा कर दिया। कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों की गतिविधियों और भारत पर लगाए गए आरोपों के कारण दोनों देशों के बीच संवाद में कड़वाहट आई है।
यह मामला न केवल दोनों देशों के संबंधों को प्रभावित कर रहा है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी व्यापक चर्चा हो रही है।