जम्मू और श्रीनगर के बीच की दूरी अब और भी आसान और तेज होने वाली है। वंदे भारत एक्सप्रेस के शुभारंभ से यह सफर महज 3 घंटे 10 मिनट में पूरा किया जा सकेगा। कटरा-बनिहाल रेल सेक्शन, जो जम्मू को कश्मीर घाटी से जोड़ता है, का अंतिम सुरक्षा निरीक्षण शुरू हो चुका है। यह 111 किमी लंबा सेक्शन जल्द ही परिचालन के लिए तैयार होगा। वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत से कश्मीर घाटी और जम्मू के बीच रेल संपर्क स्थापित हो जाएगा, जिसका लंबे समय से इंतजार था।
जम्मू स्टेशन का नवीनीकरण
जम्मू रेलवे स्टेशन को आधुनिक सुविधाओं के साथ नया रूप दिया जा रहा है। इसमें 8 प्लेटफॉर्म बनाए जा रहे हैं, जहां यात्रियों को उच्च गुणवत्ता की सेवाएं उपलब्ध होंगी। यह स्टेशन यात्रियों के लिए आरामदायक और आधुनिक अनुभव सुनिश्चित करेगा।
एक सपना जो वर्षों बाद हुआ साकार
जम्मू और श्रीनगर को रेल नेटवर्क से जोड़ने का सपना 1898 में महाराजा प्रताप सिंह ने देखा था।
- 1905 में प्रस्ताव: महाराजा ने जम्मू से श्रीनगर तक रेल लाइन बनाने की मंजूरी दी थी।
- यह रेल लाइन पीर पंजाल पर्वत के 11,000 फीट की ऊंचाई तक जाती, लेकिन सर्दियों में बर्फबारी के कारण इसे चालू रखना मुश्किल था।
- आज़ादी के बाद, 1947 के भारत-पाक विभाजन ने जम्मू-कश्मीर के रेल संपर्क को बाधित कर दिया।
- कई दशकों की मेहनत और आधुनिक तकनीक के बाद यह सपना अब साकार हो रहा है।
कटरा-श्रीनगर रेल लाइन: एक इंजीनियरिंग चमत्कार
कटरा से श्रीनगर तक रेल लाइन बिछाना आसान काम नहीं था। भारतीय रेलवे के इंजीनियरों ने इस चुनौती को स्वीकार करते हुए पहाड़ी इलाकों में अद्वितीय संरचनाएं बनाई।
चेनाब आर्च ब्रिज: दुनिया का सबसे ऊंचा पुल
- ऊंचाई: 359 मीटर, एफिल टॉवर से भी ऊंचा।
- निर्माण:
- ज़मीन से काफी ऊपर, जहां तेज हवाएं चलती हैं।
- ‘रॉक बोल्टिंग’ तकनीक से बनाया गया, जिसमें 30,000 टन स्टील का इस्तेमाल किया गया।
अंजी पुल: भारत का पहला केबल-स्टेड रेल पुल
- ऊंचाई: 331 मीटर।
- लंबाई: 473 मीटर।
- इस पुल में 48 मजबूत केबल्स हैं जो इसे सहारा देते हैं।
- पुल में लगे सेंसर इसकी स्थिति और मजबूती पर नजर रखेंगे।
सुरंगें:
- इस प्रोजेक्ट में कुल 67 किलोमीटर सुरंगें बनाई गई हैं।
- सबसे लंबी सुरंग: 12.77 किलोमीटर।
- ‘हिमालयन टनलिंग’ तकनीक का इस्तेमाल, जो पहाड़ों में जमीन खिसकने और पत्थर गिरने की संभावना को कम करती है।
ठंड और बर्फबारी में कैसे चलेगी ट्रेन?
जम्मू-श्रीनगर वंदे भारत एक्सप्रेस को खासतौर पर ठंडी और बर्फीली परिस्थितियों के लिए डिजाइन किया गया है।
- सर्दियों में बिना रुकावट चलने के उपाय:
- -20°C तक के तापमान में आरामदायक संचालन।
- ट्रेन में हीटिंग सिस्टम जो डिब्बों को गर्म रखता है।
- स्नो कटर: बर्फ को ट्रैक से हटाने के लिए।
- पाइप और बायो-टॉयलेट में हीटिंग एलिमेंट्स ताकि पानी जम न सके।
- ड्राइवर केबिन में हीटेड विंडशील्ड जो कोहरे से बचाती है।
- भूकंप और भूस्खलन के लिए सुरक्षा:
- ‘एंटी-वाइब्रेशन’ डिवाइस लगाए गए हैं।
वंदे भारत एक्सप्रेस: एक गेम चेंजर
इस ट्रेन के संचालन से जम्मू-कश्मीर के पर्यटन और आर्थिक विकास को नई रफ्तार मिलेगी।
- यात्रा का समय: मात्र 3 घंटे 10 मिनट।
- पर्यटन को बढ़ावा: कश्मीर घाटी तक पहुंचना आसान होगा।
- आर्थिक लाभ: यह रेल संपर्क व्यापार और रोजगार के नए अवसर लाएगा।
कश्मीर की वादियों का सफर अब आसान और तेज
कटरा से श्रीनगर तक वंदे भारत एक्सप्रेस न केवल यात्रा को सुविधाजनक बनाएगी, बल्कि यह भारतीय रेलवे की तकनीकी क्षमताओं का भी उदाहरण होगी।
- अद्भुत संरचनाएं जैसे चेनाब आर्च ब्रिज और अंजी पुल इस परियोजना को दुनिया भर में एक मिसाल बनाते हैं।
- इस ट्रेन का संचालन जम्मू-कश्मीर के लोगों और पर्यटकों के लिए एक नया अनुभव लाएगा।