महाकुंभ 2025: 45 करोड़ श्रद्धालु, अभूतपूर्व सुरक्षा इंतजाम—पहली बार इतनी हाईटेक तैयारियां!

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महाकुंभ 2025, जो कि मानव इतिहास के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है, 13 जनवरी से प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर शुरू होने जा रहा है। 45 दिनों तक चलने वाले इस आयोजन में 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। इतने विशाल स्तर पर आयोजन को सफल बनाने और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन ने अभूतपूर्व तैयारियां की हैं।

महाकुंभ 2025: अभूतपूर्व सुरक्षा इंतजाम

सुरक्षा की तीनों परतें: जमीन, पानी और आसमान

महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए जमीन, पानी और हवा तीनों स्तरों पर पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

  1. जमीन पर:
    • पूरे मेला क्षेत्र में सघन निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
    • संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए इंटेलिजेंस टीम तैनात की गई है।
    • एंट्री पॉइंट्स पर चेकपॉइंट बनाए गए हैं, जहां हर व्यक्ति और वाहन की जांच की जाएगी।
  2. पानी में:
    • पानी के अंदर चलने वाले ड्रोन का पहली बार इस्तेमाल किया जाएगा, जो संगम क्षेत्र में निगरानी करेंगे।
    • ये ड्रोन 100 मीटर की गहराई तक जा सकते हैं और डूबते हुए व्यक्तियों का पता लगाकर उन्हें बचाने में मदद करेंगे।
  3. आसमान में:
    • ड्रोन के जरिए भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों की निगरानी होगी।
    • एंटी-ड्रोन तकनीक का उपयोग किया जाएगा ताकि कोई अनाधिकृत ड्रोन आयोजन स्थल पर प्रवेश न कर सके।

आग से सुरक्षा के लिए आधुनिक तकनीक

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आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर (AWT):

मेले में आग की किसी भी घटना से निपटने के लिए आधुनिक आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर लगाए गए हैं।

  • विशेषताएं:
    • 10,000 लीटर पानी की क्षमता।
    • 35 मीटर ऊंचाई और 30 मीटर की दूरी तक पानी फेंकने की क्षमता।
    • घुमावदार सीढ़ियां, जिससे अग्निशमन कर्मी ऊंची जगहों पर पहुंच सकते हैं।
    • विशेष कैमरे जो दूर से ही आग और खतरे का पता लगा सकते हैं।

आग से सुरक्षा के अन्य उपाय:

  • 351 अग्निशमन गाड़ियां।
  • 50 से अधिक फायर स्टेशन।
  • 2,000 से अधिक फायरफाइटर्स तैनात।
  • हर टेंट में आग बुझाने का उपकरण।

डिजिटल महाकुंभ: हाईटेक सुरक्षा के इंतजाम

महाकुंभ 2025 को डिजिटल महाकुंभ बनाने की तैयारी जोरों पर है। इसके लिए अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है।

  1. AI से लैस कैमरे:
    • ये कैमरे भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में संदिग्ध गतिविधियों की निगरानी करेंगे।
    • किसी भी गड़बड़ी की सूचना तुरंत कंट्रोल रूम को भेजी जाएगी।
  2. साइबर सुरक्षा:
    • श्रद्धालुओं को साइबर अपराधों से बचाने के लिए एक मजबूत साइबर सुरक्षा टीम बनाई गई है।
    • फर्जी वेबसाइट और ऐप्स को ब्लॉक किया जाएगा।
    • साइबर हेल्प डेस्क पर समस्याओं और शिकायतों का समाधान किया जाएगा।
  3. वाई-फाई नेटवर्क:
    • महाकुंभ में श्रद्धालुओं को सुरक्षित इंटरनेट कनेक्शन उपलब्ध कराया जाएगा।

आपात स्थिति से निपटने की तैयारियां

मल्टी-डिजास्टर रिस्पांस व्हीकल:

महाकुंभ में किसी भी प्राकृतिक आपदा या दुर्घटना से निपटने के लिए मल्टी-डिजास्टर रिस्पांस व्हीकल तैनात किए गए हैं।

  • खासियत:
    • मलबे में फंसे लोगों को ढूंढने के लिए कैमरा।
    • भारी मलबा हटाने और वजन उठाने वाले उपकरण।
    • तापमान मापने और आग बुझाने के लिए विशेष उपकरण।

रिमोट से चलने वाले लाइफबॉय:

डूबने की घटनाओं से निपटने के लिए रिमोट कंट्रोल लाइफबॉय का उपयोग किया जाएगा। ये लाइफबॉय डूब रहे व्यक्ति तक पहुंचकर उन्हें सुरक्षित किनारे तक लाने में मदद करेंगे।

सात स्तरों वाली सुरक्षा व्यवस्था

महाकुंभ में सुरक्षा के लिए सात स्तरों वाला सुरक्षा घेरा तैयार किया गया है:

  1. बाहरी घेरा:
    • एंट्री पॉइंट्स पर संदिग्ध व्यक्तियों और वाहनों की जांच।
  2. दूसरा घेरा:
    • वाहनों की गहन जांच।
  3. तीसरा घेरा:
    • श्रद्धालुओं को पहचान पत्र दिखाना होगा।
  4. चौथा घेरा:
    • भीड़भाड़ वाले इलाकों में भीड़ नियंत्रण।
  5. पांचवां घेरा:
    • मंदिरों और स्नान घाटों के आसपास।
  6. छठा घेरा:
    • वीआईपी और महत्वपूर्ण व्यक्तियों की सुरक्षा।
  7. आंतरिक घेरा:
    • मुख्य स्नान घाट और अखाड़ों के आसपास।

हाईटेक ‘लॉस्ट एंड फाउंड सेंटर’

महाकुंभ में बच्चों और बुजुर्गों के बिछड़ने की समस्या से निपटने के लिए हाईटेक लॉस्ट एंड फाउंड सेंटर बनाए गए हैं।

  • ये केंद्र बिछड़े हुए लोगों को उनके परिवार से मिलाने में मदद करेंगे।
  • केंद्रों पर डिजिटल उपकरण और AI तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।

महाकुंभ 2025: एक असाधारण अनुभव

महाकुंभ 2025 न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, एकता और तकनीकी उन्नति का भी प्रतिबिंब है। प्रशासन ने इस आयोजन को सुरक्षित, सुव्यवस्थित और यादगार बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए किए गए ये इंतजाम इसे एक ऐतिहासिक आयोजन बनाएंगे।