क्या टीम इंडिया में अपमान सहन नहीं कर सके रविचंद्रन अश्विन? निराशा में लिया रिटायरमेंट का फैसला

Manoj Tiwary on Ravichandran Ashwin Retirement:

Manoj Tiwary on Ravichandran Ashwin Retirement:  भारतीय क्रिकेट के सबसे अनुभवी और सफल स्पिनरों में से एक रविचंद्रन अश्विन ने हाल ही में अचानक इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर सबको चौंका दिया। यह फैसला उस समय आया जब भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी खेली जा रही थी। अश्विन का यह अप्रत्याशित कदम क्रिकेट जगत में चर्चा का विषय बन गया है। कई प्रशंसक और विशेषज्ञ यह सवाल उठा रहे हैं कि क्या अश्विन ने टीम में अपमानजनक व्यवहार के कारण यह फैसला लिया?

अश्विन के संन्यास का समय और घटनाक्रम

अश्विन ने पर्थ टेस्ट में हिस्सा नहीं लिया, जबकि वह एडिलेड में डे-नाइट टेस्ट के लिए टीम का हिस्सा थे। इसके बाद, उन्हें सिडनी टेस्ट से बाहर कर दिया गया। जब ब्रिसबेन टेस्ट ड्रॉ हुआ, तो उन्होंने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने इंटरनेशनल करियर से संन्यास लेने की घोषणा कर दी।

उनकी इस घोषणा के बाद फैंस और क्रिकेट विशेषज्ञों ने इस पर सवाल उठाने शुरू कर दिए। क्या अश्विन को टीम में उचित सम्मान नहीं मिला? क्या उनका अनुभव और योगदान नजरअंदाज किया गया?

मनोज तिवारी का बड़ा बयान

पूर्व भारतीय क्रिकेटर मनोज तिवारी ने इस पूरे प्रकरण पर खुलकर अपनी राय रखी। उन्होंने अश्विन के साथ हुए व्यवहार को अनुचित बताया।

क्या कहा मनोज तिवारी ने?

  • “अश्विन जैसे अनुभवी खिलाड़ी को दरकिनार करना और युवा खिलाड़ियों को प्राथमिकता देना, सही नहीं है।”
  • “जब टीम में वॉशिंगटन सुंदर और तनुश कोटियन जैसे युवा गेंदबाज हैं, तो अश्विन को नज़रअंदाज़ करना गलत है।”
  • “वॉशिंगटन को अश्विन से ज्यादा गेंदबाजी कराना भी एक तरह से उनका अपमान था।”

मनोज तिवारी का मानना है कि अश्विन ने अपने करियर में इतने शानदार प्रदर्शन दिए हैं कि वह यूं ही संन्यास का फैसला नहीं ले सकते।

क्या वाकई अश्विन का सम्मान नहीं हुआ?

अश्विन का क्रिकेट करियर उपलब्धियों से भरा हुआ है। उन्होंने अपने नाम कई बड़े रिकॉर्ड किए और भारतीय टीम के लिए कई ऐतिहासिक जीतों में अहम भूमिका निभाई।

अश्विन के करियर की मुख्य उपलब्धियां:

  1. टेस्ट करियर:
    • 106 मैचों में 537 विकेट
    • 3,503 रन, 6 शतक और 14 अर्धशतक
    • अनिल कुंबले के बाद भारत के दूसरे सबसे सफल टेस्ट गेंदबाज
  2. वनडे और टी20:
    • 116 वनडे मैचों में 151 विकेट
    • 65 टी20 मैचों में 72 विकेट

अश्विन का अनुभव बनाम युवा खिलाड़ियों की प्राथमिकता

टीम मैनेजमेंट का वॉशिंगटन सुंदर जैसे युवा खिलाड़ियों को प्राथमिकता देना अश्विन के प्रशंसकों को खटक रहा है। उनका मानना है कि अश्विन के अनुभव को नज़रअंदाज़ करना टीम के लिए भी नुकसानदायक हो सकता है।

संन्यास के पीछे की संभावित वजहें

1. निरंतर नजरअंदाज किया जाना:

पिछले कुछ वर्षों में अश्विन को सीमित ओवरों के क्रिकेट में मौके नहीं मिले। यहां तक कि टेस्ट क्रिकेट में भी उन्हें नियमित तौर पर नहीं खिलाया गया।

2. युवा खिलाड़ियों को तरजीह:

मैनेजमेंट ने कई मौकों पर युवा खिलाड़ियों को प्राथमिकता दी, जिससे अश्विन की भूमिका सीमित हो गई।

3. सम्मान और सराहना की कमी:

मनोज तिवारी और अन्य विशेषज्ञों का मानना है कि अश्विन को उनके योगदान के अनुरूप सम्मान नहीं दिया गया।

4. खुद को साबित करने की थकान:

हर बार अपनी उपयोगिता साबित करने की अपेक्षा और अस्थिर चयन ने शायद अश्विन को मानसिक रूप से थका दिया।

क्या आगे खुलासा करेंगे अश्विन?

मनोज तिवारी का यह भी मानना है कि अश्विन भले ही अभी कुछ न कहें, लेकिन भविष्य में वह अपनी कहानी जरूर साझा करेंगे। अश्विन के अचानक संन्यास ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या टीम इंडिया के अंदर खिलाड़ियों के साथ व्यवहार में बदलाव की जरूरत है।