दिल्ली विधानसभा चुनाव: जाट आरक्षण पर केंद्र को घेरा, केजरीवाल का भाजपा पर हमला

Pti01 07 2025 000050b 0 17363066

विधानसभा चुनाव से ठीक पहले, आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर जाट समुदाय को आरक्षण देने के वादे से मुकरने का आरोप लगाया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की कि दिल्ली के जाट समुदाय को केंद्रीय अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) सूची में शामिल किया जाए।

केजरीवाल ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा, “2015 में प्रधानमंत्री आवास पर जाट नेताओं को बुलाकर दिल्ली के जाट समुदाय को ओबीसी सूची में शामिल करने का आश्वासन दिया गया था। 2019 में गृह मंत्री अमित शाह ने भी यही वादा किया, लेकिन अब तक कुछ नहीं किया गया।”

जाट समुदाय पर आप और भाजपा की नजर

दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 8 जाट बहुल सीटें हैं, जिनमें से 5 सीटों पर आम आदमी पार्टी का कब्जा है, जबकि 3 सीटों पर भाजपा का। दिल्ली में जाट समुदाय करीब 10% मतदाता हैं और 60% गांवों में उनका प्रभाव है। इनका समर्थन चुनावी नतीजों को प्रभावित कर सकता है।

भाजपा ने जाट वोट बैंक को साधने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे और पूर्व सांसद प्रवेश वर्मा को आगे किया है। वहीं, आम आदमी पार्टी का वोट बैंक मजबूत करने के लिए केजरीवाल ने जाट समुदाय के लिए ओबीसी आरक्षण की मांग को चुनावी मुद्दा बना दिया है।

कैलाश गहलोत को भाजपा में लाने की कोशिश

भाजपा ने जाट मतदाताओं में सेंध लगाने के लिए केजरीवाल के करीबी और नजफगढ़ से विधायक कैलाश गहलोत को अपने पक्ष में लाने का प्रयास किया है। भाजपा को उम्मीद है कि गहलोत के जरिए ग्रामीण और बाहरी दिल्ली में जाट समुदाय को अपने पक्ष में किया जा सकता है।

केजरीवाल का ओबीसी आरक्षण का वादा

केजरीवाल ने आरोप लगाया कि दिल्ली में जाट समुदाय को ओबीसी श्रेणी में मान्यता देने के बावजूद, केंद्र सरकार ने उन्हें इसका लाभ नहीं दिया। उन्होंने कहा, “यह विश्वासघात है। अगर जाटों को ओबीसी सूची में शामिल किया जाए, तो उन्हें नौकरी और शिक्षा में आरक्षण का लाभ मिलेगा।”

चुनावी गणित और रणनीति

चुनावों के मद्देनजर यह मुद्दा जाट मतदाताओं को साधने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। भाजपा और आप, दोनों ही दल इस प्रभावशाली समुदाय को लुभाने की कोशिश में हैं। वहीं, केजरीवाल ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार के खिलाफ लड़ाई जारी रखने का वादा किया है।