शेख हसीना: भारत में बढ़ाई गई वीजा अवधि, प्रत्यर्पण की मांग के बीच पूर्व बांग्लादेशी प्रधानमंत्री फिलहाल यहीं रहेंगी

Sheikhhasina Modi

Sheikh Hasina Visa: भारत सरकार ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के वीजा की अवधि बढ़ा दी है। यह फैसला बांग्लादेश की अंतरिम सरकार द्वारा उनके प्रत्यर्पण की मांग के बीच लिया गया है। उल्लेखनीय है कि शेख हसीना का पासपोर्ट बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने रद्द कर दिया है। हसीना पर 2024 के विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा और मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लगाए गए हैं।

प्रत्यर्पण की बढ़ती मांग

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत को एक राजनयिक नोट के जरिए शेख हसीना के प्रत्यर्पण का औपचारिक अनुरोध किया है।

  • आरोप: 2024 के विरोध प्रदर्शनों में 500 से अधिक लोगों की मौत, जबरन गायब किए जाने की घटनाएं, और हत्याओं में उनकी कथित भूमिका।
  • पासपोर्ट रद्द:
    • हसीना के अलावा 96 अन्य लोगों के पासपोर्ट भी रद्द कर दिए गए हैं।
    • इन पर विरोध प्रदर्शनों के दौरान मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोप हैं।

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने इन आरोपों को न्यायिक प्रक्रिया के तहत निपटाने के लिए हसीना की वापसी की मांग की है।

भारत में शेख हसीना की स्थिति

शेख हसीना अगस्त 2024 से भारत में रह रही हैं।

  • भारत का रुख:
    • सूत्रों के मुताबिक, शेख हसीना को भारत में शरण नहीं दी गई है, बल्कि यह केवल वीजा विस्तार का मामला है।
    • भारत में शरण देने से संबंधित कोई विशेष कानून लागू नहीं किया गया है।
    • भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि वीजा विस्तार को शरण देने के कदम के रूप में न देखा जाए।

बांग्लादेश सरकार की कार्रवाई

  • दूसरा गिरफ्तारी वारंट:
    बांग्लादेश की अदालत ने शेख हसीना के खिलाफ दूसरा गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।

    • पहला वारंट: मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए पहले ही वारंट जारी हो चुका है।
    • दूसरा वारंट: जबरन गायब किए गए लोगों के मामले में उनकी कथित भूमिका के लिए जारी किया गया।
  • प्रवक्ता का बयान:
    अंतरिम सरकार के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन ने कहा,

    “हमने भारत को न्यायिक उद्देश्यों के लिए शेख हसीना की वापसी का अनुरोध किया है। यह अनुरोध एक औपचारिक राजनयिक नोट के माध्यम से किया गया है।”

क्या हैं शेख हसीना पर आरोप?

  • 2024 के छात्र विरोध प्रदर्शन:
    • शेख हसीना को कथित रूप से 500 से अधिक लोगों के अपहरण और कई हत्याओं के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।
    • बांग्लादेशी सुरक्षाकर्मियों ने इन लोगों को गुप्त ठिकानों पर हिरासत में रखा।
  • मानवाधिकार उल्लंघन:
    • हसीना पर मानवता के विरुद्ध अपराधों के आरोप भी लगाए गए हैं।
  • सत्ता से हटने का आरोप:
    अगस्त 2024 में छात्रों के हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद हसीना को बांग्लादेश छोड़ना पड़ा।

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का कदम

  • नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने शेख हसीना के प्रत्यर्पण को प्राथमिक मुद्दा बनाया है।
  • आरोपों का आधार:
    • विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा, लोगों को जबरन गायब करने, और हत्याओं में भूमिका।
    • बांग्लादेशी अधिकारियों का दावा है कि हसीना को इन आरोपों का सामना करना चाहिए।

भारत के लिए स्थिति की संवेदनशीलता

भारत सरकार को हसीना के वीजा विस्तार के मुद्दे पर सावधानी से काम करना पड़ रहा है।

  • भारत-बांग्लादेश संबंध:
    • भारत और बांग्लादेश के बीच करीबी राजनयिक और आर्थिक संबंध हैं।
    • शेख हसीना के प्रत्यर्पण को लेकर कोई भी निर्णय दोनों देशों के रिश्तों को प्रभावित कर सकता है।
  • भारत का बयान:
    • भारत ने अपने रुख को साफ करते हुए कहा कि यह मामला शरण देने का नहीं, बल्कि वीजा विस्तार का है।