उत्तर प्रदेश में रेलवे नेटवर्क को मजबूत करने के लिए एक नई और महत्वाकांक्षी परियोजना प्रस्तावित है। कालिंजर से फतेहपुर के बीच 200 किलोमीटर लंबा नया रेलमार्ग बनाया जाएगा। इस परियोजना से क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, स्थानीय रोजगार के अवसर पैदा होंगे, और क्षेत्रीय विकास की गति तेज होगी।
कालिंजर-फतेहपुर रेललाइन: ऐतिहासिक परियोजना
- दूरी:
कालिंजर से फतेहपुर की दूरी लगभग 200 किलोमीटर है। - पुरानी योजना का पुनरुद्धार:
यह रेललाइन अंग्रेजी शासन के दौरान बनाई गई थी, लेकिन आजादी के बाद इसे दरकिनार कर दिया गया। - नया सर्वे:
सांसद कृष्णा देवी पटेल के प्रयासों से रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस रूट पर सर्वे कराने का भरोसा दिया है।
रेलमार्ग से जुड़े प्रमुख स्थान
रेलवे लाइन कालिंजर से फतेहपुर के बीच निम्नलिखित स्थानों से होकर गुजरेगी:
- नरैनी।
- अतर्रा।
- बबेरू।
- अन्य प्रमुख कस्बे और गांव।
पर्यटन को बढ़ावा: कालिंजर दुर्ग का महत्व
- कालिंजर दुर्ग:
यह दुर्ग अपने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के लिए देश-विदेश से पर्यटकों को आकर्षित करता है। - आसानी से पहुंच:
रेललाइन बनने के बाद पर्यटकों को कालिंजर दुर्ग तक पहुंचने में सुविधा होगी। - बुंदेलखंड पर्यटन:
बुंदेलखंड टूरिज्म के संस्थापक श्याम जी निगम के अनुसार, यह रेलमार्ग पर्यटन को बढ़ावा देगा और क्षेत्रीय पलायन को कम करेगा।
स्थानीय रोजगार और विकास
- नए रोजगार के अवसर:
- रेलवे के निर्माण और संचालन से स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
- पर्यटन क्षेत्र में भी नौकरियां बढ़ेंगी।
- व्यापार में सुविधा:
- व्यापारियों को माल परिवहन के लिए बेहतर साधन मिलेगा।
- आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी।
- पलायन में कमी:
- स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलने से युवाओं को बड़े शहरों की ओर पलायन नहीं करना पड़ेगा।
समाजसेवियों और इतिहासकारों की राय
- आरटीआई कार्यकर्ता कुलदीप शुक्ला:
- उनका कहना है कि कालिंजर जैसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल को रेल नेटवर्क से जोड़ने की आवश्यकता है।
- यह स्थानीय लोगों और पर्यटकों दोनों के लिए फायदेमंद होगा।
- इतिहासकार शोभाराम कश्यप:
- कालिंजर दुर्ग का ऐतिहासिक महत्व विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करता है।
- रेललाइन से जुड़ने से क्षेत्र का पिछड़ापन दूर होगा।
सांसद ने उम्मीद जताई
सांसद कृष्णा देवी पटेल ने कहा कि:
- इस रेलमार्ग का सर्वे पहले भी किया गया था, लेकिन इसे आगे नहीं बढ़ाया गया।
- रेल मंत्री से चर्चा के बाद, पुनः सर्वे का आश्वासन मिला है।
- यह परियोजना क्षेत्र के लोगों के लिए बेहतर सुविधाएं लाएगी और जल्द ही काम शुरू होगा।
कालिंजर-फतेहपुर रेलमार्ग के फायदे
- पर्यटन को प्रोत्साहन:
- कालिंजर दुर्ग तक पहुंचना आसान होगा।
- विदेशी और घरेलू पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी।
- आर्थिक विकास:
- व्यापार और उद्योग को मजबूती मिलेगी।
- माल परिवहन आसान और सस्ता होगा।
- क्षेत्रीय विकास:
- पिछड़े क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़ने में मदद मिलेगी।
- बुनियादी ढांचे में सुधार होगा।
- समय की बचत:
- रेलमार्ग से यात्रा का समय कम होगा, जिससे लोग अधिक सुविधाजनक यात्रा कर सकेंगे।