हरियाणा और उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाली मेरठ-पानीपत नई रेल लाइन की योजना लंबे समय से अधर में लटकी हुई है। यह प्रोजेक्ट दोनों राज्यों के बीच यातायात को बेहतर बनाने और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए अहम है। हालांकि, धनराशि की कमी और अन्य प्रशासनिक बाधाओं के कारण यह महत्वाकांक्षी परियोजना अभी भी शुरुआत का इंतजार कर रही है।
मेरठ-पानीपत रेल लाइन: क्यों है जरूरी?
- यातायात की सुगमता:
यह रेल लाइन उत्तर प्रदेश और हरियाणा के बीच यात्रा को तेज और आसान बनाएगी। - क्षेत्रीय विकास:
इस परियोजना से दोनों राज्यों के छोटे कस्बों और गांवों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। - आर्थिक और सामाजिक प्रभाव:
व्यापार, उद्योग, और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
दिल्ली-शामली-सहारनपुर मार्ग का इतिहास और मौजूदा स्थिति
- 1970-80 का दशक:
दिल्ली-शाहदरा-शामली-सहारनपुर सिंगल रेलवे लाइन का निर्माण किया गया। - दशकों पुरानी मांग:
इस मार्ग के दोहरीकरण और विद्युतीकरण की मांग लंबे समय से चल रही है।
प्रोजेक्ट के लिए बजट की कहानी
- 2015 का प्रस्ताव:
तत्कालीन सांसद हुकुम सिंह और रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा के प्रयासों से:- दिल्ली-शामली-सहारनपुर रेलवे मार्ग के दोहरीकरण और विद्युतीकरण के लिए 1500 करोड़ रुपये।
- मेरठ-पानीपत नई रेलवे लाइन के लिए 2200 करोड़ रुपये।
- 2016 का शिलान्यास:
केंद्रीय राज्य मंत्री ने ननौता रेलवे स्टेशन पर दिल्ली-शामली-सहारनपुर मार्ग के दोहरीकरण का शिलान्यास किया।
क्या हुआ अब तक?
- विद्युतीकरण का काम पूरा:
दिल्ली-शामली-सहारनपुर रेलवे लाइन का विद्युतीकरण पूरा हो चुका है। - दोहरीकरण अटका:
पिछले आठ सालों से दोहरीकरण के लिए बजट आवंटन नहीं हुआ है। - मेरठ-पानीपत रेल लाइन का हाल:
परियोजना को मंजूरी तो मिल गई, लेकिन धनराशि जारी नहीं होने के कारण काम शुरू नहीं हो पाया है।
मेरठ-पानीपत रेल लाइन रूट: कहां से कहां तक?
- प्रारंभिक रूट:
यह रेल लाइन मेरठ से शुरू होकर हरियाणा के पानीपत तक जाएगी। - प्रमुख स्थान:
बीच में कई छोटे और बड़े कस्बों को जोड़ेगी, जो अभी तक मुख्य रेल नेटवर्क से नहीं जुड़े हैं। - यात्रा का समय:
यह मार्ग दोनों राज्यों के बीच यात्रा समय को काफी हद तक कम करेगा।
लंबित परियोजनाओं के प्रमुख कारण
- धनराशि का अभाव:
- उत्तर रेलवे, नई दिल्ली से दोहरीकरण और नई लाइन के लिए आवश्यक बजट नहीं मिला।
- प्रशासनिक अड़चनें:
- शिलान्यास के बावजूद काम शुरू करने के लिए आवश्यक अनुमति और संसाधन नहीं जुटाए जा सके।
- नीतिगत प्राथमिकताएं:
- अन्य परियोजनाओं को प्राथमिकता मिलने के कारण इस प्रोजेक्ट पर ध्यान नहीं दिया गया।
योजना के फायदे
- लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी:
मेरठ और पानीपत के बीच सीधा रेल संपर्क स्थापित होगा। - यातायात पर दबाव कम होगा:
सड़क यातायात में कमी आएगी, जिससे यात्रा का समय और खर्च दोनों कम होंगे। - आर्थिक विकास:
इस रेल लाइन से दोनों राज्यों में व्यापार और उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।
आगे का रास्ता: क्या हो सकता है समाधान?
- धनराशि की व्यवस्था:
- केंद्र और राज्य सरकार को मिलकर परियोजना के लिए वित्तीय संसाधन जुटाने होंगे।
- नए निवेशकों को आमंत्रित करना:
- इस परियोजना में निजी निवेशकों को शामिल करने पर विचार किया जा सकता है।
- निगरानी और प्राथमिकता:
- सरकार को इस परियोजना की प्रगति की नियमित निगरानी करनी चाहिए।