कंगना रनौत की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘इमरजेंसी’ 17 जनवरी को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है। इंदिरा गांधी के जीवन और भारत में लगे आपातकाल की पृष्ठभूमि पर आधारित इस फिल्म के प्रमोशन में कंगना और उनकी टीम पूरी ताकत झोंक रही है। हाल ही में एक इंटरव्यू में कंगना ने फिल्म बनाने और रिलीज करने के दौरान आई चुनौतियों का खुलासा किया।
कंगना ने क्या कहा?
एएनआई को दिए इंटरव्यू में कंगना ने बताया,
“बहुत संघर्ष रहा। आज तक कोई भी इंदिरा गांधी पर सीधे तौर पर फिल्म नहीं बना पाया है। इंस्पायर्ड बोलकर या नाम बदलकर फिल्म बनाना अलग बात है, लेकिन उनके जीवन पर केंद्रित फिल्म बनाने की हिम्मत किसी ने नहीं की।”
उन्होंने 1977 में बनी फिल्म ‘किस्सा कुर्सी का’ का जिक्र करते हुए कहा,
“उस फिल्म के डायरेक्टर को आत्महत्या करनी पड़ी थी। उनके लिए इस तरह का माहौल बना दिया गया था।”
हालांकि, विकिपीडिया के अनुसार, ‘किस्सा कुर्सी का’ के डायरेक्टर अमृत की मृत्यु एक ऑपरेशन के दौरान एस्कॉर्ट्स अस्पताल में हुई थी।
‘सेंसर बोर्ड पर भरोसा’
कंगना ने यह भी बताया कि ‘इमरजेंसी’ को बनाने में उन्हें कई समुदायों को फिल्म दिखानी पड़ी और हर पहलू का साक्ष्य देना पड़ा।
“हम आज यह फिल्म इसलिए बना पाए क्योंकि अब बोलने की आजादी है। हमें अपने देश, संविधान और सेंसर बोर्ड पर पूरा भरोसा है। हमने हर नियम का पालन किया है और अब इसे दर्शकों के सामने पेश करने को लेकर उत्साहित हैं।”
‘सबसे बड़ा सवाल था: क्या फिल्म रिलीज होगी?’
कंगना ने फिल्म निर्माण के दौरान आई आर्थिक और अन्य चुनौतियों पर भी खुलकर बात की। उन्होंने कहा:
“आमतौर पर मेरी फिल्में कम बजट में बन जाती हैं, लेकिन इस बार स्टूडियो से लेकर फंड तक हर चीज में संघर्ष करना पड़ा। सबसे बड़ा डर यह था कि कोई भी फिल्म की रिलीज को लेकर आश्वस्त नहीं था। हर समय यह सवाल हमारे दिमाग में था: क्या यह फिल्म कभी रिलीज हो भी पाएगी?”
‘इमरजेंसी’ के संघर्ष की कहानी
- विषय की संवेदनशीलता: इंदिरा गांधी के जीवन और आपातकाल पर फिल्म बनाना हमेशा से विवादों और आलोचनाओं का विषय रहा है।
- फंडिंग और स्टूडियो से संघर्ष: कंगना ने बताया कि बजट की कमी और स्टूडियो से सहयोग न मिलना बड़ी चुनौती रही।
- विरोध की संभावना: फिल्म बनाने के दौरान इसे कई समुदायों और संगठनों को दिखाना पड़ा ताकि कोई विवाद न खड़ा हो।
कंगना की उम्मीदें
कंगना रनौत ने अंत में कहा,
“हमने यह फिल्म पूरी सच्चाई और मेहनत से बनाई है। मुझे उम्मीद है कि दर्शक इसे पसंद करेंगे और इससे जुड़े संघर्ष को समझेंगे।”