Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश सरकार, योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में, राज्य को औद्योगिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है। बुंदेलखंड क्षेत्र, जो अब तक पिछड़ेपन के लिए जाना जाता था, एक नया औद्योगिक हब बनने की ओर अग्रसर है। यहां एक ऐसा औद्योगिक कॉरिडोर बनने जा रहा है जो नोएडा और ग्रेटर नोएडा से भी बड़ा होगा। आइए इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर गहराई से नज़र डालते हैं।
बुंदेलखंड में बनेगा नोएडा से बड़ा औद्योगिक कॉरिडोर
योगी सरकार ने बुंदेलखंड में 36,000 एकड़ भूमि पर बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (BIDA) स्थापित करने की योजना बनाई है। यह परियोजना झांसी और कानपुर के बीच विकसित की जाएगी, जिसमें झांसी के 33 गांवों को शामिल किया जाएगा।
इस औद्योगिक कॉरिडोर के निर्माण का उद्देश्य न केवल क्षेत्रीय विकास करना है, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करना है। झांसी और इसके आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों को इससे सीधा लाभ मिलेगा।
13 अरब रुपये की स्वीकृति: युवाओं के लिए रोजगार की नई उम्मीद
योगी आदित्यनाथ ने अपने हालिया चित्रकूट दौरे के दौरान 13 अरब रुपये की भारी भरकम राशि इस परियोजना के लिए मंजूर की। यह कॉरिडोर बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को चित्रकूट से जोड़ने का काम करेगा।
इस योजना से न केवल स्थानीय बल्कि बाहरी युवाओं के लिए भी रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे। सरकार की यह पहल क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक उत्थान के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है।
बुंदेलखंड का नक्शा बदलेगी यह परियोजना
इस महत्वाकांक्षी योजना के कारण बुंदेलखंड का पूरा परिदृश्य बदलने की उम्मीद है। लंबे समय से इस क्षेत्र में रोजगार की कमी और विकास की धीमी गति चिंता का विषय रही है। अब, यह परियोजना इसे औद्योगिक और आर्थिक केंद्र में बदलने के लिए तैयार है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपनी सरकार के कार्यकाल के दौरान पूर्वांचल और बुंदेलखंड के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। गोरखपुर में एम्स का निर्माण, बंद पड़े खाद कारखानों को पुनः शुरू करना, और सोलर एनर्जी हब का निर्माण उनकी विकासशील सोच का प्रमाण है।
800 एकड़ भूमि पर होगा औद्योगिक केंद्र का विस्तार
बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (BIDA) के अंतर्गत, झांसी में 800 एकड़ भूमि को औद्योगिक केंद्र के लिए चिन्हित किया गया है। यह क्षेत्र सोलर एनर्जी हब और रक्षा क्षेत्र से संबंधित उद्योगों का केंद्र बनने जा रहा है।
औद्योगिक कॉरिडोर की यह योजना झांसी और आस-पास के गांवों को आधुनिक बुनियादी ढांचा, बेहतर सड़कें, और उच्चस्तरीय सुविधाएं प्रदान करेगी।
रक्षा कॉरिडोर का भी हो रहा विकास
बुंदेलखंड में औद्योगिक कॉरिडोर के साथ-साथ रक्षा कॉरिडोर पर भी तेजी से काम हो रहा है। इस परियोजना का उद्देश्य रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाना और स्थानीय युवाओं को रोजगार प्रदान करना है। झांसी इस रक्षा कॉरिडोर का महत्वपूर्ण केंद्र बनने जा रहा है, जो भारत के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है।
बुंदेलखंड: सोलर एनर्जी हब की ओर कदम
इस क्षेत्र को सोलर एनर्जी हब में बदलने की योजना भी सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। यह परियोजना न केवल पर्यावरण को सुरक्षित बनाएगी बल्कि बिजली की समस्या को भी कम करेगी। बुंदेलखंड की जलवायु और उपलब्ध स्थान इसे सोलर एनर्जी के लिए एक आदर्श स्थान बनाते हैं।
स्थानीय लोगों को मिलेंगे ये फायदे
- रोजगार के अवसर: युवाओं को बड़े पैमाने पर नौकरियां मिलेंगी।
- आधुनिक बुनियादी ढांचा: सड़क, बिजली, और जल की बेहतर सुविधाएं।
- गांवों का शहरीकरण: 33 गांवों को प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है, जिससे उनका विकास होगा।
- बिजली की समस्या का समाधान: सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट से क्षेत्र में बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
सरकार की प्राथमिकताएं: विकास का रोडमैप
योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में उद्योग और रोजगार के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। बुंदेलखंड औद्योगिक कॉरिडोर इस दिशा में एक और बड़ा कदम है।
इस परियोजना के माध्यम से, सरकार न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी, बल्कि उत्तर प्रदेश को एक औद्योगिक राज्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में भी आगे बढ़ेगी।