बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की सेरेमनी में सुनील गावस्कर को न बुलाना भारतीय क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ी के लिए अपमानजनक साबित हुआ। ऑस्ट्रेलिया ने सिडनी टेस्ट जीतकर सीरीज को 3-1 से अपने नाम किया और 10 साल बाद इस प्रतिष्ठित खिताब पर कब्जा जमाया। जब ट्रॉफी सौंपने का समय आया, तो मंच पर केवल एलन बॉर्डर नजर आए, जबकि सुनील गावस्कर को बुलाया ही नहीं गया। इस पर क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की हरकत ने गावस्कर को नाराज कर दिया।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के प्रवक्ता ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए कहा, “हमें लगता है कि यह बेहतर होता यदि एलन बॉर्डर और सुनील गावस्कर दोनों को मंच पर आने के लिए आमंत्रित किया जाता।”
गावस्कर का गुस्सा
सुनील गावस्कर ने अपने गुस्से का इजहार करते हुए स्पोर्ट्स तक पर कहा, “मुझे बुलाया ही नहीं गया, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया से मुझे कोई संदेश या मेल नहीं आया। चैनल 7 के प्रोड्यूसर ने बताया कि यदि भारत यह मैच जीतता है और सीरीज ड्रॉ हो जाती है, तो मुझे ट्रॉफी प्रेजेंट करने के लिए बुलाया जाएगा। लेकिन अगर ऑस्ट्रेलिया जीतता है, तो एलन बॉर्डर ट्रॉफी प्रस्तुत करेंगे।”
गावस्कर का प्रतिक्रिया
उन्होंने आगे कहा, “मगर मुझे सीधे तौर पर किसी ने कुछ नहीं कहा। मैं निश्चित रूप से प्रेजेंटेशन के लिए वहां उपस्थित रहना चाहता था। आखिरकार, यह बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी है, जो ऑस्ट्रेलिया और भारत के बारे में है। मेरे लिए यह मायने नहीं रखता कि प्रेजेंटेशन के मामले में ऑस्ट्रेलिया जीता है। उन्होंने बेहतर क्रिकेट खेला, इसलिए वे जीते। मुझे अपने अच्छे दोस्त एलन बॉर्डर के साथ ट्रॉफी पेश करने में खुशी होती।”
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का महत्व
यह ध्यान देने योग्य है कि बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का आयोजन 1996-1997 से किया जा रहा है, जो भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच क्रिकेट की एक महत्वपूर्ण श्रृंखला है। सुनील गावस्कर का न बुलाया जाना इस ट्रॉफी के इतिहास में एक विवादास्पद घटना के रूप में देखा जा रहा है।