भारतीय कप्तान विराट कोहली का ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट रिकॉर्ड अब तक शानदार रहा है। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2025 के दौरान जब वे पर्थ पहुंचे, तो ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने उनकी जमकर तारीफ की। उन्हें “किंग” कहकर संबोधित किया गया, और उनकी वापसी का जश्न मनाया गया। हालांकि, इस सीरीज में उनका प्रदर्शन उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा।
पर्थ में दिखा पुराना रंग, फिर प्रदर्शन गिरा:
पर्थ टेस्ट की पहली पारी में असफल रहने के बाद विराट कोहली ने दूसरी पारी में शानदार शतक जड़ा, लेकिन इसके बाद उनका बल्ला खामोश हो गया। पूरी सीरीज के दौरान वे बार-बार ऑफ स्टंप के बाहर की गेंदों पर विकेट के पीछे या स्लिप में कैच देकर आउट हुए।
रिकी पोंटिंग का विश्लेषण
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान और बीजीटी में कमेंटेटर रिकी पोंटिंग ने कोहली के प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए कहा:
“आप विराट के चेहरे पर निराशा साफ देख सकते थे, खासकर जब वे सिडनी टेस्ट में आउट हुए। वह बार-बार उसी तरह आउट हो रहे थे और खुद पर गुस्सा थे। हालांकि, मुझे भरोसा है कि विराट के पास अभी भी रेड बॉल क्रिकेट में रन बनाने का बहुत मौका है।”
पोंटिंग के अनुसार, भले ही यह सीरीज कोहली के लिए निराशाजनक रही हो, लेकिन उनका करियर खत्म नहीं हुआ है, और वे भविष्य में दमदार वापसी कर सकते हैं।
सीरीज में कोहली का प्रदर्शन
- पर्थ शतक के बाद खराब फॉर्म:
पर्थ के शानदार शतक को छोड़ दिया जाए तो कोहली पूरी सीरीज में 100 रन भी नहीं बना सके। - प्रिडिक्टेबल आउट होने का पैटर्न:
- आठ पारियों में वे हर बार चौथे-पांचवें स्टंप की गेंदों पर स्लिप या विकेट के पीछे आउट हुए।
- उनकी इस कमजोरी का फायदा ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों ने जमकर उठाया।
बोलैंड का दबदबा:
ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज स्कॉट बोलैंड, जिन्हें टीम में किसी खिलाड़ी की चोट के चलते शामिल किया गया था, ने कोहली को बार-बार उसी चैनल में गेंदबाजी कर आउट किया। यह इंगित करता है कि अब गेंदबाजों ने कोहली की तकनीकी खामियों का तोड़ निकाल लिया है।