इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC), भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के क्रिकेट बोर्ड मिलकर टेस्ट क्रिकेट के भविष्य को नया आकार देने की योजना बना रहे हैं। इस योजना में 2 टीयर सिस्टम लागू करने और बड़े देशों के बीच अधिक टेस्ट मैच कराने की बात शामिल है।
इस पहल का उद्देश्य है कि फैंस को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी जैसी ब्लॉकबस्टर सीरीज हर तीन साल में दो बार देखने को मिले। इसके अलावा, शीर्ष टीमों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ाकर टेस्ट क्रिकेट को अधिक आकर्षक और आर्थिक रूप से लाभदायक बनाया जाए।
मीटिंग और 2 टीयर सिस्टम की योजना
आईसीसी चेयरमैन जय शाह, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के माइक बैर्ड, और इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड के रिचर्ड थॉम्पसन इस महीने के अंत में एक महत्वपूर्ण मीटिंग कर सकते हैं। इसमें टेस्ट क्रिकेट को दो स्तरों में विभाजित करने पर चर्चा की जाएगी।
2 टीयर सिस्टम की संरचना:
- शीर्ष स्तर (Tier 1):
- इसमें भारत, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड जैसी बड़ी टीमें शामिल होंगी।
- ये टीमें अधिकतर एक-दूसरे के खिलाफ खेलेंगी।
- दूसरा स्तर (Tier 2):
- इसमें छोटे क्रिकेटिंग देश होंगे, जिन्हें शीर्ष स्तर पर पहुंचने के लिए प्रदर्शन के आधार पर प्रमोशन हासिल करना होगा।
- यह संरचना 2027 के बाद लागू होने की संभावना है।
रवि शास्त्री और अन्य विशेषज्ञों का समर्थन
पूर्व भारतीय कोच रवि शास्त्री ने इस सिस्टम का समर्थन करते हुए कहा:
“अगर टेस्ट क्रिकेट को जिंदा रखना है तो शीर्ष टीमों को अधिक बार एक-दूसरे के खिलाफ खेलना चाहिए। यही असली प्रतिस्पर्धा है, जो फैंस को रोमांचित करती है।”
आर्थिक दृष्टिकोण और प्रसारण की मांग
2 टीयर सिस्टम से भारत, इंग्लैंड, और ऑस्ट्रेलिया को अपने फ्यूचर टूर प्रोग्राम (FTP) को पुनर्गठित करने का मौका मिलेगा।
- बड़े देशों के बीच अधिक मैच होने से ब्रॉडकास्टर्स और स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स को भी फायदा होगा।
- हालिया भारत-ऑस्ट्रेलिया सीरीज ने ऑस्ट्रेलिया में रिकॉर्ड दर्शकों को आकर्षित किया। यह वहां की चौथी सबसे अधिक देखी गई टेस्ट सीरीज बन गई है।
ऑस्ट्रेलियाई ब्रॉडकास्टर्स और भारतीय प्रसारक, जैसे जियोसिनेमा और डिज्नीस्टार, चाहते हैं कि इन मार्की सीरीज का अंतराल कम हो और अधिक बार आयोजित किया जाए।
2016 में क्यों टला था 2 टीयर सिस्टम?
2016 में इस मॉडल को पेश किया गया था, लेकिन बीसीसीआई, श्रीलंका, बांग्लादेश और जिम्बाब्वे जैसे देशों के विरोध के कारण इसे टाल दिया गया।
उस समय बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने कहा था:
“2 टीयर सिस्टम छोटे देशों को नुकसान पहुंचाएगा। इससे वे राजस्व और शीर्ष टीमों के खिलाफ खेलने के मौके खो देंगे। बीसीसीआई हर देश के हितों की रक्षा करना चाहता है।”
अब क्यों बदल रही है सोच?
आठ साल बाद, क्रिकेट में आर्थिक दबाव बढ़ गया है।
- मार्की सीरीज अधिक बार कराने से बड़े बोर्ड्स को आर्थिक लाभ होगा।
- वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) की मौजूदा संरचना को लेकर इंग्लैंड और अन्य देशों की असंतुष्टि भी इस बदलाव का कारण बन रही है।
क्या होगा असर?
अगर 2 टीयर सिस्टम लागू होता है:
- छोटे क्रिकेटिंग देशों के लिए शीर्ष टीमों के खिलाफ खेलने के अवसर सीमित हो जाएंगे।
- बड़े देशों के बीच सीरीज की संख्या बढ़ने से टेस्ट क्रिकेट में अधिक रोमांच आ सकता है।
- टेस्ट क्रिकेट की लोकप्रियता को बचाने के लिए यह एक साहसिक कदम हो सकता है।