शुभमन गिल पर उठे सवाल: “अगर वे तमिलनाडु से होते, तो टीम से बाहर कर दिए जाते” – एस बद्रीनाथ का बड़ा बयान

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साल 2021 में गाबा टेस्ट में शानदार 91 रनों की पारी के बाद शुभमन गिल को भारतीय क्रिकेट का अगला बड़ा टेस्ट बल्लेबाज माना जा रहा था। कई लोगों को लगा कि वह विराट कोहली के उत्तराधिकारी साबित हो सकते हैं। स्वाभाविक रूप से आक्रामक होने के बावजूद गिल ने टेस्ट क्रिकेट में संयम का प्रदर्शन किया। हालांकि, चार साल और 32 टेस्ट मैच खेलने के बाद भी उनका औसत महज 35.05 है।

पूर्व भारतीय क्रिकेटर एस बद्रीनाथ ने शुभमन गिल और बीसीसीआई की सिलेक्शन कमिटी पर निशाना साधते हुए कहा कि गिल को जरूरत से ज्यादा मौके दिए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि क्षेत्रीय पक्षपात के कारण गिल को अब तक टीम में जगह मिली हुई है।

“शुभमन गिल को नोर्थ इंडिया से होने का फायदा मिला”

स्टार स्पोर्ट्स तमिल पर बात करते हुए एस बद्रीनाथ ने बीसीसीआई पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा:

“अगर शुभमन गिल तमिलनाडु से होते, तो उन्हें अब तक टीम से बाहर कर दिया गया होता। मेरे लिए यह देखना मुश्किल है कि इतने मौके मिलने के बावजूद वह उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे हैं।”

“गेंदबाजों को थकाने की कला दिखानी चाहिए”

बद्रीनाथ ने गिल की बल्लेबाजी में आक्रामकता और इंटेंट की कमी पर सवाल उठाते हुए कहा:

“अगर आप रन नहीं बना सकते, तो कम से कम इंटेंट और आक्रामकता दिखाएं। 100 गेंदें खेलकर गेंदबाजों को थकाएं। जब लाबुशेन और मैकस्वीनी डॉट बॉल खेलते हैं, तो वे गेंदबाजों को थकाते हैं। यही योगदान टीम के लिए अहम है। लेकिन शुभमन गिल ऐसा करने में नाकाम रहे हैं।”

बीजीटी 2024-25 में शुभमन गिल का प्रदर्शन

शुभमन गिल ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में तीन मैच खेले, लेकिन उनका प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा।

  • मैच: 3
  • रन: बेहद कम, प्रभावशाली पारियां नदारद।
  • प्रभाव: टीम की हार में योगदान नहीं दे सके।