भारत का ऑस्ट्रेलिया में बीजीटी का सपना टूटा: ऑस्ट्रेलिया की मानसिक रणनीति से रोहित शर्मा फेल, बुमराह बने नायक

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भारत का लगातार बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (बीजीटी) जीतने का सपना 2024-25 में चकनाचूर हो गया। ऑस्ट्रेलिया ने पांच मैचों की सीरीज में 1-3 से जीत हासिल की, जबकि भारत की इकलौती जीत पर्थ टेस्ट में आई, जहां टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 295 रनों से हराया। सीरीज की शुरुआत में नियमित कप्तान रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी में जसप्रीत बुमराह ने नेतृत्व किया और टीम को एकमात्र जीत दिलाई। हालांकि, रोहित की वापसी के बाद टीम का प्रदर्शन गिरता गया।

बुमराह चमके, रोहित फ्लॉप रहे

पूरी सीरीज में जसप्रीत बुमराह भारत के लिए अकेले चमके, उन्होंने 32 विकेट लेकर “प्लेयर ऑफ द सीरीज” का खिताब जीता। दूसरी ओर, कप्तान रोहित शर्मा का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। तीन टेस्ट मैचों में उन्होंने मात्र 31 रन बनाए और चार बार दहाई का आंकड़ा छूने में नाकाम रहे। खराब फॉर्म के चलते रोहित ने अंतिम टेस्ट में खुद को बाहर रखने का फैसला किया, जो चर्चा का विषय बन गया।

कैरी ओकीफ का खुलासा: ऑस्ट्रेलिया की ‘मानसिक जाल’ रणनीति

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व स्पिनर कैरी ओकीफ ने बताया कि बीजीटी के दौरान ऑस्ट्रेलिया ने रोहित शर्मा को मानसिक तौर पर निशाना बनाया। यह रणनीति उनकी परंपरा का हिस्सा रही है। ओकीफ ने कहा, “ऑस्ट्रेलिया ने रोहित को मानसिक रूप से इतना परेशान किया कि उन्होंने खुद को अंतिम टेस्ट से बाहर कर लिया। यह उनकी पुरानी रणनीति है—अगर विरोधी कप्तान को तोड़ दिया जाए, तो जीत आसान हो जाती है।”

बुमराह को तोड़ने में नाकाम रहे

ओकीफ ने जसप्रीत बुमराह की तारीफ करते हुए कहा कि ऑस्ट्रेलिया उनके प्रदर्शन को रोकने में नाकाम रहा। उन्होंने कहा, “बुमराह ने सीरीज में अपनी काबिलियत साबित की। ऑस्ट्रेलिया उसे तोड़ नहीं सका, और यही वजह है कि वह भारत के लिए एकमात्र प्रभावी खिलाड़ी रहे।”

2020-21 में रहाणे ने दिखाई थी मजबूती

ओकीफ ने 2020-21 सीरीज का जिक्र करते हुए बताया कि तब ऑस्ट्रेलिया अजिंक्य रहाणे को मानसिक रूप से तोड़ नहीं सका था। विराट कोहली के पैरेंटल लीव पर जाने के बाद रहाणे ने तीन टेस्ट में कप्तानी की और भारत ने 2-1 से ऐतिहासिक जीत दर्ज की।

उन्होंने कहा, “पिछली बार रहाणे पर ऑस्ट्रेलिया का दबाव काम नहीं आया, और भारत ने सीरीज जीती। लेकिन इस बार रोहित को निशाना बनाया और इसका फायदा उठाया। इसी रणनीति से ऑस्ट्रेलिया ने अन्य कप्तानों को भी तोड़ा है।”

ऑस्ट्रेलिया की मानसिक रणनीति बनी जीत की कुंजी

  • रोहित शर्मा: तीन टेस्ट में सिर्फ 31 रन।
  • जसप्रीत बुमराह: 32 विकेट, “प्लेयर ऑफ द सीरीज”।
  • ऑस्ट्रेलिया की रणनीति: विरोधी कप्तान को मानसिक तौर पर निशाना बनाकर खेल बिगाड़ना।
  • नतीजा: 1-3 से ऑस्ट्रेलिया की जीत।

भारत के लिए यह सीरीज भुला देने वाली रही, लेकिन बुमराह के प्रदर्शन ने भविष्य के लिए उम्मीदें कायम रखीं।