पर्सनल लोन लेने वालों के लिए नए नियम: आरबीआई ने बढ़ाई सख्ती

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बार-बार पर्सनल लोन लेने वाले ग्राहकों के लिए आरबीआई ने नियमों में सख्ती कर दी है। अब बैंकों और वित्तीय संस्थानों को ग्राहकों का क्रेडिट ब्यूरो रिकॉर्ड 15 दिन के भीतर अपडेट करना अनिवार्य होगा। पहले यह काम 30 दिनों में किया जाता था। रिजर्व बैंक का कहना है कि इस कदम से कर्जदारों के जोखिम का बेहतर आकलन किया जा सकेगा और वित्तीय प्रणाली अधिक पारदर्शी बनेगी।

नए नियम का असर

  1. तेजी से क्रेडिट रिकॉर्ड अपडेट
    विशेषज्ञों के अनुसार, आमतौर पर लोन की ईएमआई (EMI) महीने में अलग-अलग तारीखों पर चुकाई जाती है। पहले, क्रेडिट रिकॉर्ड महीने में एक बार अपडेट होता था, जिससे भुगतान या चूक की जानकारी दिखने में 40 दिनों तक की देरी हो सकती थी।

    • अब 15 दिन के भीतर अपडेट होने से देरी की समस्या काफी कम हो जाएगी।
    • वित्तीय संस्थानों को डिफॉल्ट या भुगतान की स्थिति की जानकारी तुरंत मिलेगी, जिससे उनका जोखिम कम होगा।
  2. बेहतर क्रेडिट मूल्यांकन
    बार-बार रिकॉर्ड अपडेट होने से कर्ज देने वाली संस्थाएं उधारकर्ताओं के भुगतान व्यवहार को अधिक सटीकता से समझ पाएंगी। इससे डिफॉल्ट के मामलों पर जल्दी नियंत्रण किया जा सकेगा।

कर्ज पर कर्ज लेने की प्रवृत्ति पर लगेगी लगाम

  1. एवरग्रीनिंग पर रोक
    वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव एवरग्रीनिंग के मामलों को रोकने में मदद करेगा। एवरग्रीनिंग एक ऐसी स्थिति है जिसमें ग्राहक पुराने कर्ज को चुकाने के बजाय नया कर्ज लेते रहते हैं।

    • इससे उनकी कुल कर्ज राशि बढ़ती जाती है।
    • कर्जदाता संस्थाओं को ऐसे ग्राहकों से अधिक जोखिम का सामना करना पड़ता है।

    अब, समय पर रिकॉर्ड अपडेट होने से ऐसे मामलों की पहचान जल्दी हो सकेगी।

  2. बैंक और फाइनेंस कंपनियों के लिए कम जोखिम
    यह कदम उधारकर्ताओं पर जिम्मेदारी बढ़ाएगा। बार-बार नया लोन लेने की प्रवृत्ति पर नियंत्रण होगा, जिससे वित्तीय संस्थानों का जोखिम कम होगा और कर्ज की प्रक्रिया अधिक सुरक्षित बनेगी।

आरबीआई का निर्देश: अगस्त में लागू हुआ बदलाव

आरबीआई ने अगस्त 2023 में इन बदलावों का निर्देश जारी किया था और बैंकों तथा क्रेडिट ब्यूरो को इसे लागू करने के लिए 1 जनवरी 2024 तक का समय दिया था।

  1. डेटा अपडेट में पारदर्शिता
    पहले, नए लोन लेने वाले ग्राहक कई बार एक साथ कई लोन ले लेते थे, जिससे चुकाने में परेशानी होती थी।

    • अब 15 दिन में डेटा अपडेट होने से ऐसे व्यवहार को समय रहते ट्रैक किया जा सकेगा।
    • इससे ग्राहकों को नए लोन देने में बैंकों को अधिक जानकारी और भरोसा मिलेगा।
  2. सिस्टम को सुधारने का प्रयास
    आरबीआई का यह कदम न केवल कर्ज देने वाली कंपनियों को सुरक्षित बनाएगा, बल्कि ग्राहकों के वित्तीय व्यवहार को भी नियमित करेगा।