UP New Ring Road Project : बरेली रिंग रोड परियोजना को मिली वित्तीय मंजूरी, जल्द शुरू होगा भूमि अधिग्रहण

Up New Ring Road Project

UP New Ring Road Project : बरेली में प्रस्तावित रिंग रोड परियोजना से जुड़ी सभी बाधाओं को अब दूर कर लिया गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अध्यक्ष ने बुधवार को इस परियोजना को वित्तीय मंजूरी दी। इसके साथ ही भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने की तैयारी है।

32.2 किलोमीटर लंबी रिंग रोड परियोजना के तहत भू-अधिग्रहण पर 800 करोड़ रुपये खर्च होंगे। किसानों को अगले एक महीने के भीतर मुआवजे का भुगतान शुरू कर दिया जाएगा। इसके अलावा, 300 करोड़ रुपये के अवॉर्ड प्रस्ताव को क्षेत्रीय कार्यालय की मंजूरी के लिए भेजा गया है।

रिंग रोड का निर्माण: दो चरणों में होगा काम

इस फोर-लेन आउटर रिंग रोड को दो हिस्सों में बनाया जाएगा:

  1. चौबारी मुस्तकिल से रजऊ परसपुर: 13 किलोमीटर।
  2. धंतिया से चौबारी मुस्तकिल: 19.2 किलोमीटर।

निर्माण कार्य को भी जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है। रिंग रोड के निर्माण से बरेली के आसपास का विकास तेज गति से होगा।

रिंग रोड परियोजना की प्रमुख विशेषताएं

  • कुल लागत: 1700 करोड़ रुपये।
    • 900 करोड़ रुपये निर्माण कार्य के लिए।
    • 800 करोड़ रुपये भूमि अधिग्रहण पर।
  • कनेक्टिविटी: यह रिंग रोड बरेली शहर के चारों ओर बनकर यातायात व्यवस्था को सुगम बनाएगी।

भूमि अधिग्रहण: 32 गांव शामिल

रिंग रोड के लिए 32 गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा, जिसमें लगभग 185 हेक्टेयर भूमि शामिल है।

  • किसानों को जल्द मुआवजा मिलने की उम्मीद है।
  • वित्तीय स्वीकृति मिलने के बाद भू-स्वामियों की वर्षों पुरानी मांगें पूरी होंगी।

घोटाले के आरोप और स्थिति

  • भूमि अधिग्रहण में अनियमितता:
    • सरनिया गांव में परिसंपत्तियों के अधिक मूल्यांकन का मामला सामने आया था।
    • इससे भुगतान प्रक्रिया रुक गई थी।
  • NHAI ने किया हस्तक्षेप:
    • प्राधिकरण ने इस विवाद को लेकर आर्बिट्रेशन दायर किया है।
    • जिन किसानों पर आर्बिट्रेशन दायर नहीं है, उनके लिए यह परियोजना राहत लेकर आई है।

रिंग रोड परियोजना से संभावित लाभ

  1. बेहतर कनेक्टिविटी:
    • रिंग रोड से यातायात का दबाव कम होगा।
    • शहर के चारों ओर बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित होगी।
  2. विकास को बढ़ावा:
    • यह परियोजना बरेली और आसपास के क्षेत्रों में आर्थिक और औद्योगिक विकास को गति देगी।
  3. किसानों को मुआवजा:
    • भूमि अधिग्रहण के बाद किसानों को उचित मुआवजा मिलेगा।
    • लंबे समय से अटकी प्रक्रिया अब तेज हो जाएगी।