शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने शनिवार को एक बड़ा दावा करते हुए कहा कि नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) जल्द ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन तोड़ सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा जेडीयू के 10 सांसदों को अपने पक्ष में लाने की कोशिश कर रही है, जिससे नीतीश कुमार असहज महसूस कर रहे हैं।
भाजपा पर “पीठ में छुरा घोंपने” का आरोप
संजय राउत ने भाजपा पर बिहार में अपने सहयोगी के साथ विश्वासघात का आरोप लगाया। उन्होंने कहा:
“भाजपा बिहार में नीतीश कुमार के साथ गठबंधन में है, लेकिन वह जेडीयू के सांसदों को अपने पाले में खींचने की कोशिश कर रही है। इससे नीतीश कुमार बेचैन हैं। मुझे लगता है कि वह एनडीए में ज्यादा दिनों तक नहीं रहेंगे।”
राउत ने आगे कहा कि 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू संभवतः एनडीए का हिस्सा नहीं रहेगी। उनका यह बयान विपक्षी गठबंधन “इंडिया” के प्रति जेडीयू के झुकाव और भाजपा से बढ़ते तनाव को उजागर करता है।
“केंद्र सरकार दो साल तक नहीं टिकेगी”
संजय राउत ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर भी तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि उन्हें संदेह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार 2026 तक टिक पाएगी या नहीं। उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा:
“मुझे लगता है कि मोदी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएंगे। अगर केंद्र सरकार अस्थिर होती है, तो इसका असर महाराष्ट्र और अन्य राज्यों पर भी पड़ेगा।”
राउत के अनुसार, केंद्र सरकार की स्थिरता को लेकर उनकी यह शंका महाराष्ट्र समेत पूरे देश में राजनीतिक अस्थिरता का कारण बन सकती है।
महाराष्ट्र में शिवसेना (यूबीटी) के हालात
संजय राउत ने नवंबर 2024 में होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी पार्टी की स्थिति पर भी टिप्पणी की। यह प्रतिक्रिया तब आई जब अटकलें लगाई जा रही थीं कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) के पूर्व विधायक राजन साल्वी पार्टी छोड़ सकते हैं।
राउत ने इस पर स्पष्ट करते हुए कहा:
“मैंने राजन साल्वी से बात की है। उन्होंने कुछ स्थानीय मुद्दों पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है, लेकिन उनका पार्टी छोड़ने का कोई इरादा नहीं है।”
क्या नीतीश और भाजपा के रिश्तों में तनाव बढ़ रहा है?
नीतीश कुमार और भाजपा के बीच लंबे समय से तनातनी की खबरें सामने आ रही हैं। संजय राउत के दावे ने इस तनाव को और हवा दी है। अगर जेडीयू एनडीए से अलग होती है, तो यह बिहार की राजनीति और राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी रणनीति को नया आकार दे सकता है।
संजय राउत का बयान क्यों महत्वपूर्ण है?
संजय राउत का बयान सिर्फ गठबंधन की राजनीति को ही नहीं, बल्कि केंद्र और राज्य सरकारों की स्थिरता को लेकर भी सवाल खड़ा करता है। शिवसेना (यूबीटी) नेता की भविष्यवाणी, अगर सच साबित होती है, तो देश के राजनीतिक परिदृश्य में बड़े बदलाव ला सकती है।