पीएम किसान सम्मान निधि में वृद्धि की मांग, बजट से पहले कृषि क्षेत्र को लेकर बढ़ी चर्चाएं

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हर साल बजट से पहले यह चर्चा होती है कि पीएम किसान सम्मान निधि की रकम बढ़ाई जाएगी, लेकिन अब तक यह केवल चर्चा तक सीमित रही है। इस बार भी 1 फरवरी को पेश होने वाले आम बजट से पहले पीएम किसान सम्मान निधि बढ़ाने की मांग जोर पकड़ रही है। केंद्रीय वित्त मंत्री वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट को लेकर विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले विशेषज्ञों और प्रतिनिधियों के साथ लगातार चर्चा कर रही हैं। विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोगों के सुझाव और उम्मीदों पर विचार किया जा रहा है, ताकि आर्थिक विकास को गति दी जा सके।

अब तक की चर्चाओं में अधिकांश विशेषज्ञों ने देश में वस्तु और सेवाओं की मांग को बढ़ाने के लिए टैक्स में छूट देने और लोगों की बचत को बढ़ावा देने पर जोर दिया है। इसके अलावा, कई संगठनों के प्रतिनिधियों ने कल्याणकारी योजनाओं के तहत लोगों को अतिरिक्त लाभ देने का भी सुझाव दिया है।

सम्मान निधि को 8000 रुपये तक बढ़ाने की संभावना
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस बार के बजट में किसानों और मनरेगा मजदूरों को तोहफा मिल सकता है। सरकार पीएम किसान सम्मान निधि को छह हजार रुपये सालाना से बढ़ाकर 8000 रुपये करने की योजना बना सकती है। यह मांग पिछले साल भी किसान संगठनों ने की थी, लेकिन इस बार किसान संगठनों के साथ-साथ विशेषज्ञ और उद्योग क्षेत्र ने भी यह सुझाव दिया है। इस कदम से किसानों को अतिरिक्त पैसा मिल सकेगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्र में खरीदारी को बढ़ावा मिलेगा और आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी।

एग्री सेक्टर के लिए राष्ट्रीय आयोग की मांग
हाल ही में एक बैठक में भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने कृषि और किसान से जुड़े कई मुद्दों को लेकर अपनी मांगें रखीं। CII ने कहा कि देश की आर्थिक गतिविधियां काफी हद तक कृषि और प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर हैं, और इन क्षेत्रों में बदलाव से महंगाई बढ़ती है, जो अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता है। इसलिए, एग्री सेक्टर के लिए एक राष्ट्रीय आयोग बनाने की आवश्यकता है।

मनरेगा में मजदूरी बढ़ाने की मांग
इसके अलावा, कई औद्योगिक और श्रमिक संगठनों ने मनरेगा के तहत न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने की मांग की है। इन संगठनों का कहना है कि मनरेगा के तहत मजदूरी को 267 रुपये प्रति दिन से बढ़ाकर 375 रुपये प्रति दिन किया जाए।

वित्तीय और पूंजी क्षेत्र पर चर्चा
गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगामी बजट पर चर्चा के लिए वित्तीय क्षेत्र और पूंजी बाजार से जुड़े विशेषज्ञों और प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। यह बैठक बजट से पहले वित्त मंत्री की सातवीं बैठक थी, जिसमें वित्तीय और पूंजी बाजार से संबंधित मुद्दों पर सुझाव दिए गए। इस बैठक में केंद्रीय वित्त सचिव और भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार समेत अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।