साल 2024 में इजरायल पूरी तरह युद्ध के घेरे में नजर आ रहा है। अक्टूबर 2023 में हमास के भीषण हमले के बाद से, इजरायल एक के बाद एक दुश्मनों के खिलाफ मोर्चा खोल रहा है। गाजा, लेबनान, और अब यमन के हूती विद्रोही, ये तीन मोर्चे इजरायल को गहरे संघर्ष में धकेल चुके हैं। इन लड़ाइयों ने इजरायली सेना (आईडीएफ) की मनोस्थिति और आत्महत्या के मामलों पर गहरी छाप छोड़ी है।
तीन मोर्चों पर जंग और सैनिकों की चुनौतियां
- हमास के खिलाफ गाजा में लड़ाई: अक्टूबर 2023 में हमास के हमले से शुरू हुआ संघर्ष अब भी जारी है।
- लेबनान से खतरा: उत्तरी इजरायल पर लगातार हमले और लेबनान के भीतर छिड़ी लड़ाई ने तनाव बढ़ाया है।
- यमन के हूती विद्रोही: नए साल के साथ हूती विद्रोहियों ने इजरायल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
तीन मोर्चों पर चल रहे युद्ध ने न केवल सैनिकों की शारीरिक क्षमताओं को चुनौती दी है, बल्कि उनकी मानसिक स्थिति को भी बुरी तरह प्रभावित किया है।
आईडीएफ में आत्महत्याओं का बढ़ता आंकड़ा
इजरायली सेना के आंकड़े बताते हैं कि युद्ध के दौरान आत्महत्या के मामलों में चिंताजनक वृद्धि हुई है:
- 2023 और 2024: कुल 38 सैनिकों ने आत्महत्या की।
- 7 अक्टूबर 2023 के बाद: आत्महत्याओं के 28 मामले सामने आए।
- 2022: 14 आत्महत्याएं।
- 2021: 11 आत्महत्याएं।
आईडीएफ (इजरायली रक्षा बल) ने इन घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाए हैं, लेकिन युद्ध का बढ़ता तनाव सैनिकों पर भारी पड़ रहा है।
सैनिकों की मौत का डेटा: जंग में भारी नुकसान
इजरायल ने 2024 में अब तक कई युद्धों में भारी नुकसान उठाया है:
- 7 अक्टूबर 2023: हमास के हमले में 329 सैनिकों की मौत।
- गाजा की लड़ाई: 390 सैनिक मारे गए।
- लेबनान: 50 सैनिक।
- उत्तरी इजरायल पर हमले: 37 सैनिक।
- वेस्ट बैंक: 11 सैनिक।
कुल मिलाकर, युद्ध की शुरुआत से अब तक 891 सैनिकों की मौत हो चुकी है।
नेतन्याहू सरकार की चिंता और प्रयास
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सेना में आत्महत्या और सैनिकों की मानसिक स्थिति को गंभीरता से लिया है।
- 24/7 हेल्पलाइन सेवा: अक्टूबर 2023 में स्थापित इस सेवा के माध्यम से अब तक 3900 से अधिक कॉल प्राप्त हुई हैं।
- मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग:
- 800 से अधिक डॉक्टरों और काउंसलरों की टीम बनाई गई है।
- सैनिकों को उनकी मनोस्थिति बेहतर करने के लिए लगातार समर्थन दिया जा रहा है।
- आत्महत्या रोकने के प्रयास:
- सैनिकों की काउंसलिंग के लिए विशेष सत्र आयोजित किए जा रहे हैं।
- रिजर्व सैनिकों और भर्ती किए गए सैनिकों पर खास ध्यान दिया जा रहा है।
सैनिकों की आत्महत्या: गहराते संकट के पीछे कारण
- युद्ध का तनाव: लगातार ऑपरेशन और जंग के माहौल में सैनिक मानसिक रूप से थकान महसूस कर रहे हैं।
- परिवार से दूरी: लंबे समय तक परिवार से दूर रहने और युद्ध की अनिश्चितता ने सैनिकों की मानसिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव डाला है।
- हमास का हमला: 7 अक्टूबर 2023 के हमले ने न केवल सैनिकों को झकझोर दिया, बल्कि आत्महत्या के मामलों में भी इजाफा हुआ।
आईडीएफ का आंकलन और भविष्य की योजनाएं
आईडीएफ ने स्वीकार किया है कि आत्महत्याओं की संख्या में वृद्धि ने सेना की कार्यक्षमता पर असर डाला है।
- 2023 में कुल मौतें:
- ऑपरेशनल गतिविधियों में: 295।
- आतंकवादी हमलों में: 11।
- दुर्घटनाओं में: 23।
- बीमारियों से: 13।
आईडीएफ का कहना है कि वे आत्महत्या के मामलों को रोकने के लिए दीर्घकालिक योजनाओं पर काम कर रहे हैं।