खेल मंत्रालय ने किया मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार 2025 के विजेताओं का ऐलान

Paris Games Double Medallist Man

खेल मंत्रालय ने गुरुवार को इस साल के मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार के लिए खिलाड़ियों के नामों की घोषणा की। इस प्रतिष्ठित सम्मान के लिए निशानेबाज मनु भाकर, शतरंज के विश्व चैंपियन डी. गुकेश, भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह, और पैरा एथलीट प्रवीण कुमार का चयन किया गया है।

मनु भाकर: संघर्ष से लेकर सफलता तक की कहानी

मनु भाकर के नाम पर काफी चर्चा और विवाद हुआ। शुरुआत में उनका नाम पुरस्कार के लिए नामांकित सूची में शामिल नहीं था। बाद में मनु ने स्पष्ट किया कि नामांकन के दौरान उनसे चूक हो गई थी, जिसे सही कर दिया गया।

22 वर्षीय मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक 2024 में शानदार प्रदर्शन करते हुए 10 मीटर एयर पिस्टल व्यक्तिगत और मिश्रित टीम स्पर्धा में कांस्य पदक जीते। वे स्वतंत्र भारत की पहली खिलाड़ी बनीं, जिन्होंने एक ही ओलंपिक में दो पदक हासिल किए।

हरमनप्रीत सिंह: हॉकी में भारत की लगातार सफलता

हरमनप्रीत सिंह की कप्तानी में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक में लगातार दूसरे ओलंपिक में पदक जीतकर देश को गर्व महसूस कराया। उनकी कुशल रणनीतियों और टीम लीडरशिप ने भारतीय हॉकी को वैश्विक मंच पर मजबूती से खड़ा किया।

डी. गुकेश: शतरंज की दुनिया का चमकता सितारा

18 वर्षीय डी. गुकेश सबसे कम उम्र में शतरंज के विश्व चैंपियन बने। पिछले साल शतरंज ओलंपियाड में भारतीय टीम ने ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीता, जिसमें गुकेश की अहम भूमिका रही। उनका यह उपलब्धि न केवल भारत के लिए बल्कि शतरंज की दुनिया में ऐतिहासिक मानी जाती है।

प्रवीण कुमार: पैरा एथलेटिक्स में स्वर्णिम छलांग

पैरा हाई जंपर प्रवीण कुमार ने पेरिस पैरालंपिक 2024 में टी64 वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया। टी64 वर्ग उन एथलीट्स की श्रेणी है, जिनके एक या दोनों पैर घुटने से नीचे नहीं होते और वे कृत्रिम पैरों की सहायता से दौड़ते हैं। प्रवीण की यह उपलब्धि प्रेरणा का स्रोत है।

पुरस्कार वितरण समारोह की घोषणा

खेल मंत्रालय की ओर से जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि विजेताओं को 17 जनवरी 2025 को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक विशेष समारोह में सम्मानित किया जाएगा।

मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार देश का सर्वोच्च खेल सम्मान है, जो खिलाड़ियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन और देश के लिए उनके योगदान को मान्यता देने के लिए दिया जाता है। इन खिलाड़ियों की उपलब्धियां न केवल उनकी मेहनत का परिणाम हैं, बल्कि यह लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी हैं।