किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन अब भी जारी है। मंगलवार को पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से डल्लेवाल का अनशन तुड़वाने के लिए दो दिन की मोहलत मांगी, जिसे शीर्ष अदालत ने स्वीकार कर लिया। कोर्ट ने पंजाब सरकार को निर्देश दिया है कि वह डल्लेवाल को उचित चिकित्सा सेवाएं मुहैया कराए और उनका अनशन खत्म कराने का प्रयास करे। डल्लेवाल 26 नवंबर से अनशन पर हैं, और सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने का आदेश दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 2 जनवरी को होगी, जब पंजाब सरकार से रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही राज्य के डीजीपी गौरव यादव और मुख्य सचिव को व्यक्तिगत रूप से सुनवाई में उपस्थित रहने का निर्देश भी दिया गया है।
जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस सूर्यकांत की वैकेशन बेंच ने कहा, “परिस्थितियों को देखते हुए और न्याय के हित में, हम पंजाब सरकार की ओर से दो दिन का अतिरिक्त समय मांगने की बात को स्वीकार करते हैं।” पंजाब के एडीजी गुरमिंदर सिंह ने अदालत में बताया कि पंजाब सरकार की ओर से वार्ताकार मौके पर पहुंचे थे और इस कार्य के लिए 7,000 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया था, क्योंकि सोमवार को किसान संगठनों द्वारा पंजाब बंद का आयोजन किया गया था।
पंजाब सरकार ने किसान आंदोलन की जिम्मेदारी केंद्र सरकार पर डालते हुए कहा कि किसानों ने केंद्र से बातचीत के लिए न्योता मांगा है, और यदि उन्हें बातचीत के लिए आमंत्रित किया जाता है, तो डल्लेवाल आवश्यक चिकित्सा सुविधा लेने को तैयार हैं।
इस पर केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वह इस मुद्दे पर अभी कुछ टिप्पणी नहीं करना चाहते। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि यदि सभी पक्षों के लिए स्वीकार्य कोई समाधान निकलता है, तो यह हमारे लिए खुशी की बात होगी। इससे पहले 28 दिसंबर को, शीर्ष अदालत ने पंजाब के डीजीपी और मुख्य सचिव को चेतावनी दी थी कि अगर उनके आदेश का पालन नहीं किया गया, तो उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाएगी। जगजीत सिंह डल्लेवाल खनौरी बॉर्डर पर 26 नवंबर से आमरण अनशन कर रहे हैं।