नए साल की शुरुआत में हवाई यात्रियों के लिए एक खुशखबरी है। एयर टर्बाइन फ्यूल (ATF) यानी हवाई ईंधन की कीमतों में बड़ी कटौती की गई है। सरकारी तेल कंपनियों ने यह फैसला लिया है, जिससे घरेलू एयरलाइंस और यात्रियों दोनों को राहत मिलेगी। अब हवाई सफर करना पहले से सस्ता हो सकता है। आइए जानते हैं कि इस कटौती से कैसे प्रभावित होगा हवाई सफर।
हवाई ईंधन की कीमतों में बड़ी कटौती
सरकारी तेल कंपनियों ने 1 जनवरी 2025 से हवाई ईंधन की कीमतों की समीक्षा के बाद लगभग 1.50% की कटौती की है। इस कटौती का सीधा असर घरेलू एयरलाइंस के ऑपरेशनल खर्चों पर पड़ेगा, जिससे हवाई टिकट की कीमतों में कमी आने की संभावना है।
विभिन्न शहरों में एटीएफ के नए दाम:
- दिल्ली:
पहले ₹91,856.84/किलोलीटर था, अब घटकर ₹90,455.47/किलोलीटर हो गया। - कोलकाता:
पुराने दाम ₹94,551/किलोलीटर थे, अब ₹93,059.79/किलोलीटर हो गए। - मुंबई:
एटीएफ की कीमत ₹85,861/किलोलीटर से घटकर ₹84,511/किलोलीटर हो गई। - चेन्नई:
पहले यह ₹95,231/किलोलीटर था, अब ₹93,670/किलोलीटर हो गया।
हवाई सफर कैसे होगा सस्ता?
1. फ्यूल सरचार्ज में कमी की उम्मीद
एटीएफ के दाम हवाई टिकट के फ्यूल सरचार्ज को प्रभावित करते हैं। ईंधन की लागत में कमी से एयरलाइंस कंपनियां फ्यूल सरचार्ज को कम कर सकती हैं, जिससे यात्रियों के लिए टिकट की कीमतें घटेंगी।
2. एयरलाइंस की लागत कम होगी
एटीएफ की लागत एयरलाइंस के कुल ऑपरेशनल खर्च का लगभग 40% हिस्सा होती है। ईंधन की कीमत घटने से एयरलाइंस की परिचालन लागत कम होगी, जिससे उन्हें वित्तीय राहत मिलेगी और इसका फायदा यात्रियों को मिलेगा।
3. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की गिरावट का असर
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई कमी के कारण एटीएफ के दाम घटे हैं। यह ट्रेंड आने वाले समय में हवाई सफर को और सस्ता बना सकता है।
यात्रियों को मिलने वाले लाभ
1. घरेलू यात्राएं सस्ती होंगी
नए एटीएफ प्राइस से घरेलू उड़ानों की टिकट बुकिंग में कमी आ सकती है। इससे नए साल के मौके पर छुट्टियां मनाने वाले यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी।
2. हवाई यात्रा की पहुंच बढ़ेगी
सस्ती टिकट की वजह से अधिक लोग हवाई सफर का विकल्प चुनेंगे। इससे एयरलाइंस का बिजनेस बढ़ेगा और यात्रियों को किफायती सेवाएं मिलेंगी।
3. टूरिज्म इंडस्ट्री को मिलेगा बढ़ावा
कम कीमतों पर अधिक लोग यात्रा करेंगे, जिससे पर्यटन उद्योग में नई ऊर्जा का संचार होगा।
एटीएफ कीमतों में कटौती क्यों की गई?
1. अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट
वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में कमी आई है। इसका असर भारत में हवाई ईंधन की कीमतों पर भी पड़ा है।
2. ग्राहकों के खर्च को कम करना
सरकार और तेल कंपनियां यात्रियों के खर्च को कम करने के उद्देश्य से समय-समय पर ईंधन की कीमतों में बदलाव करती हैं।
3. घरेलू एयरलाइंस को राहत देना
महंगे ईंधन की वजह से एयरलाइंस का ऑपरेशनल खर्च बढ़ता है। कीमतों में कटौती से एयरलाइंस को आर्थिक राहत मिलती है, जिससे वे अधिक प्रतिस्पर्धात्मक दरों पर सेवाएं प्रदान कर सकती हैं।
क्या यह बदलाव लंबे समय तक रहेगा?
1. बाजार की स्थिति पर निर्भर
एटीएफ की कीमतें अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार की स्थिति पर निर्भर करती हैं। अगर कच्चे तेल की कीमतें स्थिर रहती हैं, तो यह राहत लंबे समय तक बनी रह सकती है।
2. स्थिरता की संभावना
तेल कंपनियां साल के पहले तिमाही में कीमतों को स्थिर रखने का प्रयास करती हैं। इससे हवाई सफर करने वाले यात्रियों को लंबे समय तक सस्ते टिकट मिल सकते हैं।