दुनिया की प्रमुख ब्रोकरेज फर्म Jefferies ने लंबी अवधि के दृष्टिकोण से अपने एशिया इक्विटी पोर्टफोलियो में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इस बार, HDFC बैंक को फिर से पोर्टफोलियो में जगह दी गई है। इससे भारतीय प्राइवेट बैंकों का कुल वेटेज बढ़कर 12% हो गया है।
Jefferies के प्रमुख एनालिस्ट क्रिस वुड द्वारा जारी किए गए नियमित नोट ‘Greed and Fear’ में इन बदलावों की जानकारी दी गई। इस पोर्टफोलियो में जापान का शेयर बाजार शामिल नहीं है।
HDFC बैंक के वेटेज में वृद्धि
HDFC बैंक में वेटेज बढ़ाने के लिए Jefferies ने चार भारतीय कंपनियों के शेयरों में 1% की कटौती की है:
- मैक्रोटेक डेवलपर्स
- लार्सन एंड टूब्रो (L&T)
- ICICI बैंक
- एक्सिस बैंक
Siemens को जोड़ा गया पोर्टफोलियो में
Jefferies ने Siemens को 4% वेटेज के साथ अपने पोर्टफोलियो में जोड़ा है।
- India Long-Only Portfolio: Siemens को 4% वेटेज के साथ शामिल किया गया।
- AU स्मॉल फाइनेंस बैंक: इसे पोर्टफोलियो से हटा दिया गया।
ब्रोकरेज के अन्य पोर्टफोलियो में शामिल भारतीय स्टॉक्स
Asia Long-Only Portfolio (जापान को छोड़कर):
इस पोर्टफोलियो में भारतीय कंपनियों के कई स्टॉक्स शामिल हैं:
- बैंकिंग सेक्टर:
- HDFC बैंक
- ICICI बैंक
- एक्सिस बैंक
- SBI
- SBI लाइफ
- इन्फ्रास्ट्रक्चर और इंडस्ट्रियल्स:
- L&T
- Siemens
- GMR एयरपोर्ट्स
- अन्य:
- जोमैटो
- गोदरेज प्रॉपर्टीज
- मैक्रोटेक डेवलपर्स
- JSW एनर्जी
Global Long-Only Portfolio:
Jefferies के ग्लोबल पोर्टफोलियो में भी भारतीय कंपनियों का योगदान है:
- जोमैटो
- गोदरेज प्रॉपर्टीज
- एक्सिस बैंक
- ICICI बैंक
- लार्सन एंड टूब्रो
बदलाव का उद्देश्य
Jefferies के ये बदलाव भारतीय बैंकों और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में बढ़ती संभावनाओं को देखते हुए किए गए हैं। HDFC बैंक को फिर से शामिल करने और Siemens को पोर्टफोलियो में जोड़ने से Jefferies का ध्यान लॉन्ग-टर्म ग्रोथ पर केंद्रित है।