मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड को रक्षा मंत्रालय से लगभग ₹1990 करोड़ का नया ऑर्डर मिला है। यह कॉन्ट्रैक्ट एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) प्लग के निर्माण और इंटीग्रेशन के लिए दिया गया है। इसकी जानकारी 30 दिसंबर को रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी बयान में दी गई।
हालांकि, कंपनी के शेयरों में आज 1.84% की गिरावट दर्ज की गई। स्टॉक ने बीएसई पर ₹2266.25 के स्तर पर दिन का अंत किया।
Mazagon Dock शेयर का प्रदर्शन
- मार्केट कैप: ₹91,415 करोड़।
- 52-वीक हाई: ₹2,929.98।
- 52-वीक लो: ₹898.55।
- 2024 का रिटर्न: शेयर ने इस साल अब तक 98% का मजबूत रिटर्न दिया है।
₹1990 करोड़ के ऑर्डर की डिटेल्स
- प्रोजेक्ट का उद्देश्य:
- AIP प्लग का निर्माण और इसे स्कॉर्पीन सबमरीन में इंटीग्रेट करना।
- यह तकनीक कनवेंशनल सबमरीन की सहनशक्ति (endurance) को बढ़ाएगी।
- भारत की आत्मनिर्भर भारत पहल में योगदान देगा।
- पहली सबमरीन:
- नौसेना इस सिस्टम को 2025 में पहली सबमरीन के रिफिट के दौरान शामिल करेगी।
AIP तकनीक की खासियत
- एंड्योरेंस बढ़ाएगी:
- AIP डीजल-इलेक्ट्रिक सबमरीन को लंबे समय तक पानी के भीतर बिना सतह पर आए काम करने में सक्षम बनाती है।
- ऑक्सीजन की जरूरत नहीं:
- यह तकनीक पनडुब्बियों को सतह पर आए बिना, वायुमंडलीय ऑक्सीजन के बिना काम करने की क्षमता देती है।
- तकनीकी विकास:
- इसे DRDO ने L&T और Thermax के सहयोग से विकसित किया है।
सरकार की पहल और अन्य कॉन्ट्रैक्ट्स
- मैनपावर निर्माण:
- इस प्रोजेक्ट से लगभग तीन लाख मैन-डे का रोजगार सृजित होगा।
- फ्रांस की Naval Group के साथ कॉन्ट्रैक्ट:
- ₹877 करोड़ का अलग कॉन्ट्रैक्ट कलवरी-क्लास सबमरीन में इलेक्ट्रॉनिक हेवी वेट टॉरपीडो (EHWT) इंटीग्रेट करने के लिए किया गया।
- इससे इन सबमरीन्स की फायर पावर कैपेबिलिटी में बढ़ोतरी होगी।
- साइनिंग सेरेमनी:
- दोनों कॉन्ट्रैक्ट्स पर रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह की उपस्थिति में नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए गए।