पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के बाद उनके सम्मान में कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक आयोजित की गई। हालांकि, इस पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के परिवार के सदस्यों के अलग-अलग विचार सामने आए हैं। उनकी बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस पर सवाल उठाए, जबकि बेटे अभिजीत मुखर्जी ने पार्टी का बचाव करते हुए पिता की सफलता का श्रेय कांग्रेस को दिया।
शर्मिष्ठा मुखर्जी का कांग्रेस पर सवाल
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अपने पिता प्रणब मुखर्जी के निधन पर कांग्रेस के रवैये की आलोचना की।
- उनका बयान:
शर्मिष्ठा ने कहा, “जब मेरे बाबा का निधन हुआ था, तो कांग्रेस ने CWC की बैठक तक नहीं बुलाई। एक वरिष्ठ नेता ने मुझसे कहा कि राष्ट्रपतियों के लिए ऐसा नहीं किया जाता।”- उन्होंने अपने पिता की डायरी का हवाला देते हुए बताया कि पूर्व राष्ट्रपति के.आर. नारायणन के निधन पर CWC की बैठक बुलाई गई थी, और शोक संदेश उनके पिता ने तैयार किया था।
- मनमोहन सिंह के सम्मान की तुलना:
शर्मिष्ठा ने मनमोहन सिंह के निधन के बाद CWC बैठक और शोक प्रस्ताव पारित किए जाने का उल्लेख करते हुए इसे उनके पिता के साथ हुई उपेक्षा के रूप में देखा।
अभिजीत मुखर्जी का कांग्रेस का बचाव
प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत ने अपनी बहन की बातों को खारिज करते हुए कांग्रेस का समर्थन किया।
- उनका बयान:
“मेरे पिता को जो कुछ मिला, वह कांग्रेस की बदौलत था। इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, पी.वी. नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह के नेतृत्व में उन्हें बड़ी जिम्मेदारियां मिलीं। कांग्रेस ने उन्हें राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाया।” - कोविड के समय का हवाला:
उन्होंने कहा, “मेरे पिता का निधन कोविड काल में हुआ था। उस समय पाबंदियों के कारण तत्काल CWC बैठक नहीं हो सकी। बाद में, CWC की एक बैठक में उन्हें श्रद्धांजलि दी गई थी।”
प्रणब मुखर्जी की उपलब्धियों पर अभिजीत का बयान
अभिजीत ने अपने पिता की सार्वजनिक सेवा के लिए कांग्रेस की सराहना की।
- उन्होंने कहा कि उनके पिता का करियर कांग्रेस पार्टी के कारण ही बना।
- “पिताजी को राष्ट्रपति पद तक पहुंचाने में कांग्रेस ने अहम भूमिका निभाई।”
- उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि मनमोहन सिंह जैसे नेता के निधन पर विवाद नहीं होना चाहिए।
मनमोहन सिंह के प्रति सम्मान
अभिजीत मुखर्जी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को एक “परफेक्ट जेंटलमैन” बताया।
- “मनमोहन सिंह एक महान अर्थशास्त्री और देशभक्त थे। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत नींव दी, और आज की आर्थिक सफलता का श्रेय उन्हें जाता है।”
- उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह का शांत स्वभाव और विनम्रता हर किसी के लिए प्रेरणा थी।
मनमोहन सिंह का योगदान और निधन
मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर को 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया।
- उनके नेतृत्व में भारत ने आर्थिक सुधारों की दिशा में बड़ी छलांग लगाई।
- उनके निधन पर कांग्रेस ने CWC बैठक आयोजित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।