भारत 2025: चौबीसों घंटे बिजली उपलब्ध कराने की दिशा में बड़ा कदम

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भारत सरकार ने 2025 तक सभी नागरिकों को चौबीसों घंटे बिजली उपलब्ध कराने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए व्यापक योजना तैयार की है। इस उद्देश्य के तहत देश में कोयला आधारित और हाइड्रो-पावर प्लांट की स्थापना बढ़ाई जाएगी, साथ ही ट्रांसमिशन इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जाएगा।

बिजली राज्यमंत्री श्रीपद येसो नाइक ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार के प्रयास इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक होंगे।

सरकार की रणनीति और योजनाएं

24×7 बिजली के लक्ष्य की प्रतिबद्धता

  • नाइक ने कहा:
    • “2025 तक हम देश में सभी के लिए 24×7 बिजली उपलब्ध कराने का लक्ष्य हासिल कर लेंगे।”
  • सरकार बिजली क्षेत्र में विस्तार योजना के लिए प्रतिबद्ध है।

बढ़ती बिजली मांग के आंकड़े

  • 2025 की गर्मियों तक अधिकतम बिजली मांग:
    • 270 गीगावाट।
    • 2024 में यह 250 गीगावाट और 2023 में 243 गीगावाट के उच्चतम स्तर पर थी।
  • 2035 तक:
    • बिजली की अधिकतम मांग 446 गीगावाट तक पहुंचने का अनुमान।

ऊर्जा उत्पादन और भंडारण परियोजनाएं

  • 2031-32 तक:
    • 80 गीगावाट बिजली उत्पादन की योजना।
    • 14 गीगावाट हाइड्रो-पावर प्रोजेक्ट्स और 6,050 मेगावाट पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट्स निर्माणाधीन।
    • अतिरिक्त 24.22 गीगावाट हाइड्रो-पावर और 50.76 गीगावाट पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट्स पर काम जारी।
  • परमाणु ऊर्जा:
    • 7,300 मेगावाट निर्माणाधीन।
    • 7,000 मेगावाट योजना और अप्रूवल प्रक्रिया में।

2030 तक 500 गीगावाट नॉन-फॉसिल क्षमता का लक्ष्य

  • सरकार ने 2030 तक 300 गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता जोड़ने का लक्ष्य रखा है।
  • कुल 500 गीगावाट नॉन-फॉसिल फ्यूल आधारित बिजली उत्पादन का लक्ष्य।
  • इस योजना से न केवल घरेलू ऊर्जा मांग पूरी होगी, बल्कि कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी।

ट्रांसमिशन इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश

विकास और निवेश योजनाएं

  • 2032 तक बढ़ती बिजली मांग को पूरा करने के लिए:
    • ₹9.16 लाख करोड़ का निवेश।
    • ट्रांसमिशन नेटवर्क को उन्नत और विस्तारित किया जाएगा।

उद्योग विशेषज्ञों की राय

  • भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) की राष्ट्रीय बिजली समिति के चेयरमैन अनिल सरदाना ने कहा:
    • “रिन्यूएबल एनर्जी इंटीग्रेशन, ग्रिड आधुनिकीकरण और कार्बन कटौती के प्रयासों में भारत ने बड़ी प्रगति की है।”
    • “2025 तक ट्रांसमिशन नेटवर्क का विस्तार और 2030 तक 800 गीगावाट की कुल आपूर्ति क्षमता का लक्ष्य भारत की ऊर्जा क्षमताओं के लिए बड़ा अवसर है।”

2031-32 तक की ऊर्जा योजनाओं की मुख्य विशेषताएं

ऊर्जा स्रोत लक्ष्य और प्रगति
हाइड्रो-पावर प्रोजेक्ट्स 14 गीगावाट निर्माणाधीन, 24.22 गीगावाट योजना में।
पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट्स 6,050 मेगावाट निर्माणाधीन, 50.76 गीगावाट योजना में।
परमाणु ऊर्जा 7,300 मेगावाट निर्माणाधीन, 7,000 मेगावाट योजना में।
अक्षय ऊर्जा (2025-30) 300 गीगावाट अतिरिक्त क्षमता।
नॉन-फॉसिल क्षमता (2030) 500 गीगावाट का लक्ष्य।

भारत की ऊर्जा भविष्य की दिशा

भारत की ऊर्जा नीति स्थिरता और आत्मनिर्भरता पर केंद्रित है।

  • कार्बन उत्सर्जन में कमी:
    • अक्षय ऊर्जा का बड़ा हिस्सा।
    • हाइड्रो और परमाणु ऊर्जा पर जोर।
  • आधुनिक ट्रांसमिशन नेटवर्क:
    • स्मार्ट ग्रिड और उन्नत ट्रांसमिशन।