इस सप्ताह भारतीय शेयर बाजार: व्यापक आर्थिक आंकड़े और वैश्विक रुझान करेंगे दिशा तय

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भारतीय शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह प्रमुख आर्थिक आंकड़ों, वैश्विक घटनाओं, और विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की गतिविधियों से प्रभावित होगी। नए कैलेंडर वर्ष और महीने की शुरुआत होने के कारण निवेशक बाजार में नए संकेतों की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इसके साथ ही, रुपये की चाल पर भी निवेशकों की खास नजर बनी रहेगी, क्योंकि पिछले शुक्रवार को रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया था।

FII की बिकवाली का दबाव

स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा के अनुसार, लगातार विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की बिकवाली भारतीय बाजारों पर दबाव डाल रही है। उनका कहना है कि नए साल में FII का रुख बाजार के निकट अवधि के रुझानों को प्रभावित करेगा।

  • वाहन बिक्री आंकड़े: मासिक वाहन बिक्री के आंकड़ों की घोषणा बाजार के लिए एक महत्वपूर्ण ट्रिगर होगी।
  • तीसरी तिमाही के वित्तीय नतीजे: तिमाही नतीजों का असर भी बाजार की चाल पर दिखेगा।
  • अंतरराष्ट्रीय कारक:
    • चीन और अमेरिका के विनिर्माण पीएमआई
    • अमेरिकी बेरोजगारी दावे
    • डॉलर सूचकांक और अमेरिका बॉन्ड प्रतिफल

वाहन स्टॉक पर नजर

इस सप्ताह वाहन बिक्री के आंकड़े सामने आने के कारण वाहन स्टॉक्स निवेशकों के बीच चर्चा का विषय बने रहेंगे। मासिक बिक्री आंकड़ों की घोषणा इन स्टॉक्स की चाल को प्रभावित कर सकती है।

विशेषज्ञों की राय

अजीत मिश्रा (रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड)

  • वाहन बिक्री के आंकड़ों पर कड़ी नजर होगी।
  • FII प्रवाह और रुपये की चाल बाजार की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
  • अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कमजोर रुपया निवेशकों के लिए चिंता का कारण बन सकता है।

विनोद नायर (जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज)

  • तीसरी तिमाही के नतीजों पर बाजार की नजर रहेगी।
  • आगामी बजट-पूर्व उम्मीदों के आधार पर निवेशक अपने पोर्टफोलियो को संतुलित कर सकते हैं।
  • भारत, अमेरिका, और चीन के पीएमआई आंकड़े और अमेरिकी बेरोजगारी दावे बाजार की धारणा को प्रभावित करेंगे।

पिछले सप्ताह का बाजार प्रदर्शन

  • सेंसेक्स: 657.48 अंकों (0.84%) की बढ़त।
  • निफ्टी: 225.9 अंकों (0.95%) की वृद्धि।

बाजार का संभावित रुख

पुनीत सिंघानिया (मास्टर ट्रस्ट ग्रुप)

  • बाजार का रुख घरेलू और वैश्विक आर्थिक आंकड़ों से तय होगा।
  • प्रमुख कारक:
    • भारत के बुनियादी ढांचे के आंकड़े।
    • विनिर्माण पीएमआई।
    • ब्रिटेन एसएंडपी वैश्विक विनिर्माण पीएमआई।
    • अमेरिका के प्रारंभिक बेरोजगारी दावे।

सिद्धार्थ खेमका (मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज)

  • बाजार निकट भविष्य में सीमित दायरे में रह सकता है।
  • महत्वपूर्ण ट्रिगर की अनुपस्थिति में, बाजार स्थिर रह सकता है।