UP Crime News: मेरठ में दोस्त ने प्रेम प्रसंग के चलते 11वीं के छात्र की हत्या की

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उत्तर प्रदेश के मेरठ में प्रेम प्रसंग को लेकर एक सनसनीखेज हत्या का मामला सामने आया है। 11वीं कक्षा के छात्र अभिनव की उसके ही दोस्त आर्यन ने हथौड़े से सिर पर हमला कर बेरहमी से हत्या कर दी। यह घटना कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र के रोहटा रोड की है। हत्या का कारण दोस्ती में विश्वासघात और एक लड़की को लेकर विवाद बताया जा रहा है।

प्रेम प्रसंग बना हत्या की वजह

पुलिस जांच के मुताबिक, आरोपी युवक आर्यन और मृतक अभिनव क्लासमेट थे। आर्यन की गर्लफ्रेंड की निजी तस्वीरें उसके फोन में थीं, जिन्हें अभिनव ने चोरी कर लिया और अपनी सहपाठी लड़की पर मिलने का दबाव बनाने लगा। जब यह बात आर्यन को पता चली, तो उसने गुस्से में आकर अपने दोस्त को मौत के घाट उतार दिया।

कैसे हुआ पूरा हत्याकांड?

शनिवार, 28 दिसंबर को, रोज की तरह अभिनव कोचिंग के लिए घर से निकला लेकिन वापस नहीं लौटा। परिजनों ने उसे ढूंढने की कोशिश की, लेकिन उसका मोबाइल बंद मिला। इसके बाद परिवार ने कोचिंग सेंटर जाकर जांच की, जहां पता चला कि सेंटर उस दिन बंद था।

हत्या का खुलासा:

  1. परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने FIR दर्ज कर जांच शुरू की।
  2. सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपी आर्यन को हिरासत में लिया गया।
  3. पूछताछ में आर्यन ने बार-बार बयान बदले, लेकिन जब क्राइम ब्रांच ने कड़ाई की, तो उसने हत्या की बात कबूल कर ली।
  4. आरोपी की निशानदेही पर पुलिस ने काली नदी के पास से अभिनव का शव बरामद किया।

हत्या की योजना और घटना स्थल

पुलिस के अनुसार, आर्यन ने अभिनव को कोचिंग जाने के बहाने बुलाया और उसे काली नदी के पास ले गया। वहीं, हथौड़े से सिर पर ताबड़तोड़ हमला कर उसकी हत्या कर दी। घटना के बाद आरोपी ने शव को मौके पर ही छोड़ दिया और घर लौट गया।

पुलिस की जांच और परिवार का हाल

मृतक अभिनव के पिता एक किराना व्यापारी हैं। उनके इकलौते बेटे की हत्या से पूरा परिवार सदमे में है। घर में मातम का माहौल है। पुलिस ने इस हत्याकांड को प्रेम प्रसंग से जुड़ा मामला बताते हुए आरोपी आर्यन के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है।

समाज के लिए चेतावनी

यह घटना समाज में बढ़ती नैतिकता की गिरावट और डिजिटल प्राइवेसी के दुरुपयोग को उजागर करती है। सोशल मीडिया और फोन के गलत इस्तेमाल से व्यक्तिगत और सामाजिक रिश्ते प्रभावित हो रहे हैं। अभिभावकों और शिक्षकों को बच्चों पर नजर रखने और उन्हें सही मार्गदर्शन देने की जरूरत है।