नीतीश कुमार रेड्डी का पहला टेस्ट शतक: पिता को समर्पित की ऐतिहासिक पारी

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भारतीय ऑलराउंडर नीतिश कुमार रेड्डी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच में अपने करियर का पहला टेस्ट शतक लगाकर इसे अपने पिता को समर्पित किया। इस यादगार पारी के साथ उन्होंने भारतीय टीम को संकट से उबारा और चौथे टेस्ट को बचाने की उम्मीदें भी जगा दीं।

शतक के बाद भावुक संदेश

नीतिश ने तीसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद सोशल मीडिया पर दो खास पोस्ट शेयर किए। पहले पोस्ट में उन्होंने अपने पिता के लिए लिखा:
“ये आपके लिए है, डैड।”
दूसरे पोस्ट में उन्होंने मोहम्मद सिराज का जिक्र करते हुए उनकी भूमिका की सराहना की और लिखा:
“मुझे भी सिराज भाई पर भरोसा है।”
इन पोस्ट्स ने उनके प्रशंसकों और टीम के सदस्यों का दिल जीत लिया।

सिराज की मदद से पूरा किया शतक

नीतिश का शतक आसानी से नहीं आया। जब वह 97 के स्कोर पर थे, तब वॉशिंगटन सुंदर पवेलियन लौट गए। इसके बाद जसप्रीत बुमराह भी बिना खाता खोले आउट हो गए। ऐसे में नीतिश 99 के निजी स्कोर पर नाबाद थे, और भारत का नौवां विकेट गिर चुका था।

इस नाजुक परिस्थिति में मोहम्मद सिराज ने तीन महत्वपूर्ण गेंदों पर अपना विकेट बचाए रखा, जिससे नीतिश को अगला ओवर खेलने का मौका मिला। इसके बाद उन्होंने अपना पहला टेस्ट शतक पूरा किया और भारतीय खेमे में जश्न का माहौल छा गया।

‘सालार’ शैली में मनाया जश्न

नीतिश ने शतक पूरा करने के बाद ‘सालार’ शैली में जश्न मनाया, जो उनके पिता मुत्याला के प्रति सम्मान प्रकट करने का तरीका था। उनके पिता भारतीय टीम के डगआउट के पीछे बैठे इस ऐतिहासिक पारी को देख रहे थे। यह पल नीतिश और उनके परिवार के लिए बेहद खास था।

पर्थ से मेलबर्न तक की सफलता

ऑस्ट्रेलिया दौरे पर नीतिश रेड्डी ने पर्थ में अपना पहला टेस्ट मैच खेला। उन्होंने वहां दो शानदार पारियां खेलकर चयनकर्ताओं और दर्शकों को अपनी काबिलियत का परिचय दिया। मेलबर्न में यह शतक उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण का प्रमाण है।

रेड्डी: भारत के भविष्य की उम्मीद

नीतिश कुमार रेड्डी ने अपने प्रदर्शन से यह साबित कर दिया है कि वह भारतीय क्रिकेट के लिए एक अमूल्य संपत्ति हैं। उनकी पारी ने टीम को ऑस्ट्रेलिया के पहली पारी के 474 रन के जवाब में 358 रन तक पहुंचाने में मदद की। भारत अभी भी 116 रन पीछे है, लेकिन उनकी नाबाद पारी ने टीम को संघर्ष करने का अवसर दिया है।