दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के बीच राजनीतिक तनाव बढ़ गया है। ‘आप’ ने कांग्रेस पर तीखे आरोप लगाते हुए ‘इंडिया’ गठबंधन से उसे बाहर करने की मांग कर दी है। मुख्यमंत्री आतिशी और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस पर हमला बोलते हुए उसकी चुनावी रणनीति पर सवाल उठाए।
हरियाणा चुनाव का हवाला और ‘आप’ की नाराजगी
संजय सिंह ने हरियाणा विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि वहां ‘आप’ ने कांग्रेस के साथ गठबंधन की कोशिश की थी। हालांकि, कांग्रेस के इनकार के बावजूद ‘आप’ ने भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ा और कांग्रेस पर कोई तीखा हमला नहीं किया। उन्होंने कहा कि ‘आप’ ने हरियाणा में कांग्रेस के साथ ‘फ्रेंडली फाइट’ का रुख अपनाया, लेकिन दिल्ली में कांग्रेस ने इसके विपरीत आक्रामक रणनीति अपनाई है।
कांग्रेस की रणनीति और ‘आप’ की चिंता
दिल्ली में कांग्रेस ने कथित शीशमहल, महिला सम्मान योजना, और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर ‘आप’ को निशाने पर लिया है। इससे ‘आप’ को लग रहा है कि कांग्रेस भाजपा के खिलाफ विपक्षी वोटों को बांटकर सीधे तौर पर भाजपा को फायदा पहुंचा रही है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ‘आप’ को उम्मीद थी कि कांग्रेस दिल्ली में नरमी बरतेगी और भाजपा के खिलाफ आक्रामक होगी। लेकिन कांग्रेस की मौजूदा रणनीति ने ‘आप’ को असमंजस में डाल दिया है।
2015 और 2020 की प्रचंड जीत का समीकरण बदलने का खतरा
2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में ‘आप’ ने कांग्रेस के पारंपरिक वोटबैंक को अपने पक्ष में खींचकर बड़ी जीत हासिल की थी। अगर कांग्रेस इस बार अपने वोटबैंक को वापस पाने में सफल होती है, तो इसका सीधा फायदा भाजपा को हो सकता है।
कांग्रेस की चुनावी रणनीति और मजबूत उम्मीदवार
कांग्रेस ने नई और युवा चेहरों के साथ ‘आप’ के लिए चुनौती पेश की है। अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की सीटों पर मजबूत उम्मीदवार उतारकर कांग्रेस ने आक्रामक रणनीति अपनाई है।
- नई दिल्ली सीट: कांग्रेस ने केजरीवाल के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित को उतारा।
- जंगपुरा सीट: मनीष सिसोदिया के खिलाफ कांग्रेस ने फरहाद सूरी को मैदान में उतारा।
‘आप’ को डर है कि इस बार कांग्रेस के आक्रामक रुख और भाजपा के आरोपों के चलते उनका 10 साल का एंटी-इनकंबेंसी फैक्टर और बढ़ सकता है।
भाजपा के आरोप और कांग्रेस पर गंभीर आरोप
भाजपा ने कथित शराब घोटाले, शीशमहल, प्रदूषित यमुना, और अन्य मुद्दों को लेकर ‘आप’ के खिलाफ माहौल बनाया है। इस पर संजय सिंह और आतिशी ने दावा किया कि कांग्रेस की उम्मीदवार लिस्ट भाजपा के दफ्तर में तैयार हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के उम्मीदवारों को भाजपा चुनावी फंडिंग कर रही है।
भाजपा-कांग्रेस गठजोड़ के आरोप
आतिशी ने कहा, “कांग्रेस हर वह काम कर रही है, जिससे भाजपा को फायदा हो। संदीप दीक्षित और फरहाद सूरी जैसे उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने का पैसा भी भाजपा ही दे रही है। कांग्रेस और भाजपा के बीच समझौता साफ दिख रहा है।”
‘आप’ के लिए चुनौतीपूर्ण माहौल
इस बार ‘आप’ किसी भी सीट पर चुनाव को आसान मानकर नहीं चल रही है। भाजपा के साथ कांग्रेस के इस नए रुख ने आम आदमी पार्टी को चुनावी रणनीति बदलने के लिए मजबूर कर दिया है। आने वाले समय में यह देखना अहम होगा कि क्या ‘इंडिया’ गठबंधन इस तनाव के बीच टिक पाएगा, या विपक्षी एकता में दरार गहरी होगी।