राजधानी पटना के बापू सभागार में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती का कार्यक्रम कल आयोजित किया गया। इस खास मौके पर भोजपुरी की प्रसिद्ध गायिका देवी ने अपनी प्रस्तुति से माहौल को संगीतमय बनाने की कोशिश की। लेकिन कार्यक्रम के दौरान गायिका देवी के गाए गीत ‘रघुपति राघव राजा राम’ को लेकर विवाद खड़ा हो गया। भाजपा के कई कार्यकर्ताओं ने इस गीत का विरोध किया और इसे रोकने की मांग की, जिससे कार्यक्रम में खलल पड़ा। ‘यह गीत नहीं होना चाहिए था’: भाजपा कार्यकर्ताओं का विरोध गायिका देवी ने जब मंच से भजन ‘रघुपति राघव राजा राम’ गाना शुरू किया, तो भाजपा के कुछ कार्यकर्ताओं ने इसे अनुचित बताते हुए विरोध किया। उनका कहना था कि यह गीत अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर नहीं गाया जाना चाहिए। विरोध के कारण देवी को यह गीत बीच में ही छोड़ना पड़ा और उन्होंने एक दूसरा भजन गाना शुरू किया। लेकिन इस घटनाक्रम ने कार्यक्रम के माहौल को गंभीर बना दिया। राजनीतिक विवाद ने पकड़ा जोर इस पूरे प्रकरण के बाद बिहार में राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू यादव ने इस घटना को लेकर भाजपा पर निशाना साधा। लालू यादव ने ट्वीट कर इसे “असहिष्णुता और भाजपा के दोहरे मापदंड” का उदाहरण बताया। लालू यादव के ट्वीट ने इस मामले को और गर्मा दिया है, और अब यह विवाद न केवल सांस्कृतिक बल्कि राजनीतिक बहस का मुद्दा बन चुका है। कार्यक्रम में क्या हुआ? गायिका देवी की प्रस्तुति: देवी ने अपनी प्रस्तुति में जब ‘रघुपति राघव राजा राम’ गीत गाना शुरू किया, तो भाजपा कार्यकर्ताओं ने इसे रोकने की मांग की। कार्यकर्ताओं का विरोध: विरोध जताते हुए भाजपा कार्यकर्ताओं ने कहा कि यह गीत अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती समारोह के अनुकूल नहीं है। गायिका ने गीत बदला: विरोध को देखते हुए गायिका देवी ने दूसरा भजन गाना शुरू किया। अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर ऐसा विरोध क्यों? भाजपा कार्यकर्ताओं का यह कहना था कि ‘रघुपति राघव राजा राम’ का इस कार्यक्रम में गाया जाना वाजपेयी की विचारधारा से मेल नहीं खाता। इस पर विभिन्न राजनीतिक दलों और बुद्धिजीवियों की अलग-अलग राय सामने आई है। कुछ लोगों का मानना है कि यह विरोध धार्मिक गानों पर भाजपा की संकीर्ण सोच को उजागर करता है। वहीं भाजपा कार्यकर्ताओं का तर्क है कि यह गीत वाजपेयी की आइडियोलॉजी और जयंती समारोह के संदर्भ में उपयुक्त नहीं था। लालू यादव का तीखा प्रहार राजद प्रमुख लालू यादव ने इस मुद्दे को लेकर भाजपा पर हमला बोला। उन्होंने कहा, “भाजपा अब भजन और गीतों पर भी राजनीति कर रही है। अटल जी जैसे महान नेता की जयंती पर ऐसा असहिष्णु रवैया उनकी पार्टी के दोहरे मापदंड को उजागर करता है।” लालू यादव के इस बयान के बाद विपक्ष ने इसे “असहिष्णुता” और भाजपा की आंतरिक संस्कृति पर सवाल खड़े करने का मुद्दा बना लिया है। बिहार की राजनीति में नई बहस यह घटना अब बिहार की राजनीति में नई बहस छेड़ रही है। जहां भाजपा कार्यकर्ता इसे अपने सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा का मुद्दा बता रहे हैं, वहीं विपक्ष इसे लोकतांत्रिक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला करार दे रहा है।