कानपुर नगर निगम में भाजपा-सपा पार्षदों के बीच तीखी झड़प, हंगामे के बाद सदन स्थगित

Bjp And Sp Councilors Clashed 17

उत्तर प्रदेश के कानपुर नगर निगम में मंगलवार को आयोजित सदन की बैठक हंगामे की भेंट चढ़ गई। भाजपा और सपा पार्षदों के बीच नोकझोंक इतनी बढ़ गई कि मामला हाथापाई तक पहुंच गया। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के कॉलर तक पकड़ लिए। महापौर प्रमिला पांडेय के बार-बार हस्तक्षेप के बावजूद पार्षद शांत नहीं हुए। अंततः बैठक स्थगित करनी पड़ी। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

घटनाक्रम का पूरा विवरण

  • मंगलवार को नगर निगम सदन की बैठक की शुरुआत सपा विधायक नसीम सोलंकी के पदेन सदस्य के रूप में शपथ ग्रहण से हुई।
  • शपथ के तुरंत बाद भाजपा विधायकों ने सपा विधायक अमिताभ बाजपेई को “गुंडा” कहकर नारेबाजी शुरू कर दी।
  • सपा पार्षदों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई, जिससे माहौल गरमा गया।
  • भाजपा पार्षद विकास जायसवाल और सपा पार्षद रजत बाजपेई के बीच तीखी बहस शुरू हो गई, जो कॉलर पकड़ने और हाथापाई तक जा पहुंची।

महापौर की अपील अनसुनी

  • महापौर प्रमिला पांडेय ने बार-बार शांति बनाए रखने की अपील की, लेकिन दोनों पक्ष नहीं माने।
  • स्थिति बिगड़ती देख बैठक को 5 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया।
  • महापौर निराश होकर सदन छोड़कर चली गईं।

क्या है विवाद का कारण?

भाजपा पार्षदों का आरोप है कि सपा विधायक अमिताभ बाजपेई ने उनके द्वारा कराए गए विकास कार्यों को तोड़ दिया और अब अपनी विधायक निधि से दोबारा वही काम करवा रहे हैं।

  • भाजपा पार्षदों ने इसे भ्रष्टाचार बताते हुए जमकर नारेबाजी की।
  • दूसरी ओर, सपा पार्षदों ने इसे भाजपा की राजनीति का हिस्सा बताया।

वीडियो हुआ वायरल

सदन में हुए हंगामे का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। वीडियो में भाजपा और सपा पार्षदों को तीखी बहस और हाथापाई करते देखा जा सकता है।

मेयर ने क्या कहा?

महापौर प्रमिला पांडेय ने घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा:
“नगर निगम सदन एक पवित्र जगह है, इसे राजनीति का अखाड़ा नहीं बनाया जाना चाहिए। इस मामले की जांच कराई जाएगी।”

विपक्ष का बयान

सपा विधायक अमिताभ बाजपेई ने भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि:
“भाजपा पार्षद अपने कार्यों में असफल रहे हैं और अब सपा के खिलाफ झूठा प्रचार कर रहे हैं।”

क्या होगा आगे?

महापौर ने सदन में अनुशासन बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाने का संकेत दिया है। साथ ही विवादित मुद्दों की जांच के लिए एक समिति के गठन की संभावना जताई है।
राजनीतिक तनातनी के इस विवाद ने नगर निगम की गरिमा को ठेस पहुंचाई है और अब सभी की निगाहें जांच रिपोर्ट और आगे की कार्रवाई पर हैं।