चंडीगढ़ नगर निगम की बैठक में मंगलवार को बाबासाहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर और संविधान से जुड़े मुद्दे पर राजनीतिक तनाव हिंसक झड़प में बदल गया। बैठक के दौरान कांग्रेस, भाजपा, और आम आदमी पार्टी (AAP) के पार्षद आपस में भिड़ गए। हाथापाई तक की नौबत आ गई, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
विवाद तब शुरू हुआ, जब कांग्रेस और आप के पार्षदों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया। उनका आरोप था कि अमित शाह ने बाबासाहेब आंबेडकर के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी की है। उन्होंने अमित शाह से इस्तीफे की मांग की।
- भाजपा पार्षदों ने इसका विरोध किया।
- बहस के दौरान मामला तूल पकड़ गया और पार्षदों के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई।
सीसीटीवी फुटेज में कैद हाथापाई
हंगामे के दौरान पार्षदों के बीच मारपीट भी हुई, जो सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई।
- समाचार एजेंसी PTI ने इस घटना का वीडियो साझा किया है, जिसमें पार्षद एक-दूसरे को धक्का देते और हाथापाई करते नजर आ रहे हैं।
- वीडियो के वायरल होने के बाद, इस घटना को लेकर नगर निगम और राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं।
विवाद की जड़: अनिल मसीह पर आरोप
नामित पार्षद अनिल मसीह के सदन में पहुंचते ही विवाद बढ़ गया।
- कांग्रेस और आप के पार्षदों ने मसीह को “वोट चोर” कहकर नारेबाजी शुरू कर दी।
- गुस्से में आकर अनिल मसीह बेल में चले गए और कांग्रेस पार्षदों को आड़े हाथों लिया। उन्होंने पलटवार करते हुए कहा:
“राहुल गांधी और सोनिया गांधी समेत कांग्रेस के कई नेता जमानत पर हैं।”
पोस्टर लहराने से बढ़ा बवाल
मसीह के इस बयान के बाद कांग्रेस और आप के पार्षदों ने उनके सामने पोस्टर लहराना शुरू कर दिया।
- भाजपा पार्षदों ने पोस्टर छीनने की कोशिश की।
- इसके चलते झड़प और फिर हाथापाई हो गई।
- कुछ पार्षद इस दौरान कैमरे की ओर देखकर भी हाथापाई करते दिखे।
आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी
इस हंगामे के दौरान विपक्षी दलों ने अमित शाह पर बाबासाहेब आंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया।
- कांग्रेस और आप ने आरोप लगाया कि भाजपा बाबासाहेब के विचारों का अनादर कर रही है।
- भाजपा नेताओं ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह राजनीतिक प्रोपेगैंडा है।