इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने मंगलवार, 23 दिसंबर को चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के शेड्यूल का ऐलान कर दिया। इस टूर्नामेंट की मेजबानी पाकिस्तान करेगा, लेकिन इसका आयोजन हाइब्रिड मॉडल के तहत किया जाएगा। टूर्नामेंट की शुरुआत 19 फरवरी 2025 को होगी, जबकि फाइनल मुकाबला 9 मार्च को खेला जाएगा। खास बात यह है कि भारत और पाकिस्तान के बीच बहुप्रतीक्षित मुकाबला 23 फरवरी को आयोजित किया जाएगा।
भारत के मैच दुबई में, पाकिस्तान में खेलने से इनकार
भारत ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए पाकिस्तान में खेलने से इनकार कर दिया है। ऐसे में भारतीय टीम अपने सभी मैच संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के दुबई शहर में खेलेगी। वहीं, पाकिस्तान और अन्य टीमें अपने मुकाबले मेजबान देश में ही खेलेंगी। यह टूर्नामेंट वनडे फॉर्मेट में खेला जाएगा, जिसमें कुल आठ टीमें हिस्सा लेंगी। इन टीमों को दो ग्रुप में बांटा जाएगा और हर ग्रुप से शीर्ष दो टीमें सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई करेंगी।
आखिरी बार 2017 में खेली गई थी चैंपियंस ट्रॉफी
आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का पिछला संस्करण 2017 में हुआ था। उस समय फाइनल में पाकिस्तान ने भारत को हराकर खिताब अपने नाम किया था। अब आठ साल बाद इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट की वापसी हो रही है।
हाइब्रिड मॉडल को लेकर हुआ विवाद
टूर्नामेंट के हाइब्रिड मॉडल को लेकर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) और भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के बीच लंबे समय तक विवाद चलता रहा। पीसीबी ने एक समय पर इस मॉडल के विरोध में चैंपियंस ट्रॉफी का बायकॉट करने की धमकी भी दी थी। लेकिन आईसीसी के हस्तक्षेप के बाद पाकिस्तान ने नरम रुख अपनाते हुए हाइब्रिड मॉडल को शर्तों के साथ स्वीकार कर लिया। हाल ही में आईसीसी ने इस मॉडल पर अपनी मंजूरी दी है।
2027 तक दोनों टीमों के लिए लागू होगा हाइब्रिड मॉडल
आईसीसी ने स्पष्ट किया है कि भारत और पाकिस्तान की टीमें 2027 तक एक-दूसरे के देशों में कोई भी मैच नहीं खेलेंगी। भारत के मैच तटस्थ स्थल पर आयोजित होंगे। इसी तरह, पाकिस्तान टीम भी भारत में आयोजित टूर्नामेंट्स में तटस्थ स्थानों पर ही खेलेगी। यह व्यवस्था 2025 महिला वर्ल्ड कप और 2026 टी20 वर्ल्ड कप पर भी लागू होगी।
पीसीबी की समान व्यवस्था की मांग
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने स्पष्ट किया था कि वह हाइब्रिड मॉडल को तभी स्वीकार करेगा जब भारत और पाकिस्तान दोनों के लिए एक जैसी व्यवस्था की जाएगी। आईसीसी ने इस मांग को मानते हुए दोनों देशों के लिए समान नियम लागू कर दिए हैं।