साइबर क्राइम के मामले अब बढ़ते जा रहे हैं. डिजिटल तरीके से लोगों को गिरफ्तार कर लाखों रुपये की उगाही की जाती है. केंद्र सरकार भी इस तरह की धोखाधड़ी के खिलाफ अभियान चला रही है. इसको लेकर सावधान रहने की जरूरत है. फिर इस मामले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. जिसमें एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को निशाना बनाकर करोड़ों रुपये की उगाही की गई थी. तो आइए विस्तार से जानते हैं पूरी घटना
11.87 साफ़!
बेंगलुरु में रहने वाले एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर से 11.87 करोड़ रुपये की ठगी की गई है. यहां पीड़िता को डिजिटल तरीके से गिरफ्तार किया गया. आख़िरकार उनके बैंक खाते से करोड़ों रुपये चोरी हो गए. पुलिस के मुताबिक, साइबर ठगों ने पहले पीड़ित को विजय कुमार बताया। इसके बाद उन्हें बताया गया कि कॉल टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) की ओर से की गई थी। इसके बाद साइबर ठगी का मामला आगे बढ़ता गया.
पीड़ित ने कैसे दिया धोखा?
इस मामले में कॉल करने वाले ने पीड़ित से कहा कि आपके आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल किया गया है. इसके बाद उन्हें बताया गया कि आपके आधार कार्ड का इस्तेमाल कर मनी लॉन्ड्रिंग की गई है. आपके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया गया है आपके खिलाफ 6 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया गया है. इस दौरान पीड़ित को डराने-धमकाने के लिए बताया गया कि उसके खिलाफ मुंबई के कोलाबा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई है और मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है.
वीडियो कॉल कर दी धमकी
साइबर ठग द्वारा पीड़ित को वीडियो कॉल की गई। जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताया। इसके बाद उनसे वीडियो कॉल पर बात करने को कहा गया. इसके बाद पीड़ित को डिजिटल तरीके से गिरफ्तार कर लिया गया और जांच में सहयोग न करने पर गिरफ्तारी की धमकी दी गई.
बैंक विवरण प्राप्त करें और खाता साफ़ करें
इसके बाद जांच के नाम पर पीड़ित से पर्सनल डिटेल से लेकर बैंक डिटेल तक सबकुछ हासिल कर लिया गया. इसके बाद डिजिटल गिरफ्तारी के दौरान पीड़ित के बैंक खाते से अलग-अलग ट्रांजेक्शन किए गए और कुल 11.83 करोड़ रुपये उड़ा लिए गए.