उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार कुंभ मेले की आर्थिक उपयोगिता पर विशेष जोर दे रही है। सरकार का मानना है कि यह आयोजन प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देता है और राज्य की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाता है। इस बार कुंभ मेले से करीब दो लाख करोड़ रुपये की आर्थिक गतिविधियों की उम्मीद की जा रही है।
इस बार क्यों खास है कुंभ मेला?
2025 में आयोजित हो रहा कुंभ मेला पूर्ण कुंभ कहा जा रहा है, जो हर 144 साल में एक बार होता है। इससे पहले 1882 में प्रयागराज में पूर्ण कुंभ का आयोजन हुआ था।
- 1882 का कुंभ:
- ब्रिटिश सरकार ने उस समय मेले के आयोजन पर लगभग ₹20,000 खर्च किए थे।
- आयोजन से ₹50,000 का राजस्व प्राप्त हुआ, जो बाद में शहर के विकास कार्यों में उपयोग किया गया।
1882 के कुंभ का ऐतिहासिक विवरण
ब्रिटिश शासनकाल में 1882 के पूर्ण कुंभ पर खर्च और राजस्व का विस्तृत ब्योरा मौजूद है।
- AR रीड की रिपोर्ट:
ब्रिटिश नॉर्थ वेस्ट प्रोविंस के सेक्रेटरी, एआर रीड ने कुंभ पर एक रिपोर्ट तैयार की थी। - खर्च और मुनाफा:
- खर्च: ₹20,228।
- राजस्व: ₹49,840 (लगभग 250% का मुनाफा)।
- उपयोग: राजस्व को शहर के विकास में लगाया गया।
2025 के कुंभ के लिए 6382 करोड़ का बजट
इस बार कुंभ मेला करीब चार हजार हेक्टेयर क्षेत्र में आयोजित होगा, जिसमें 40-45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।
- बजट का विवरण:
- कुल बजट: ₹6,382 करोड़।
- ₹5,600 करोड़: इवेंट मैनेजमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए।
- पिछला अर्धकुंभ (2019): ₹3,700 करोड़ खर्च।
- मुख्य विकास कार्य:
- गंगा नदी पर 6-लेन का पुल।
- ₹275 करोड़ की लागत से बना चार-लेन का ओवरब्रिज।
आर्थिक गतिविधियों की बड़ी उम्मीदें
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सलाहकार और पूर्व IAS अधिकारी अवनीश अवस्थी का कहना है कि इस बार कुंभ से 3.2 लाख करोड़ रुपये तक की आर्थिक गतिविधियां हो सकती हैं।
- उनका आकलन:
“अगर कुंभ में आने वाला प्रत्येक श्रद्धालु औसतन ₹8,000 खर्च करता है, तो कुल आर्थिक गतिविधियां 3.2 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकती हैं।”- वास्तविक आंकड़ा इससे भी अधिक हो सकता है।
रोजगार और इंफ्रास्ट्रक्चर में योगदान
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के अनुसार, कुंभ मेला पहले ही 45,000 परिवारों को रोजगार प्रदान कर चुका है।
- शहर में बदलाव:
- मेले की तैयारी के लिए शहर के कई प्रमुख विकास कार्य लगभग पूरे हो चुके हैं।
- बड़े प्रोजेक्ट्स ने शहर की कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे को मजबूत किया है।