आजकल कार निर्माता कंपनियां नई गाड़ियों में कई तरह के उन्नत और प्रीमियम फीचर्स पेश कर रही हैं। एयरबैग, ABS, ट्रैक्शन कंट्रोल और डिजिटल डिस्प्ले जैसे फीचर्स अब लगभग हर कार में आम हो गए हैं। लेकिन इसके साथ ही कई ऐसे फीचर्स भी हैं जिन्हें जरूरत से ज्यादा हाइलाइट किया जाता है ताकि ग्राहक इन्हें जरूरी मानकर कार खरीदें। इन अतिरिक्त फीचर्स के चलते कार का बजट बढ़ जाता है, जबकि अधिकांश ग्राहक इनका उपयोग शायद ही कभी करते हैं।
आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही फीचर्स के बारे में जो जरूरी से ज्यादा फैशनेबल बना दिए गए हैं।
1. सनरूफ: स्टाइलिश लेकिन अनावश्यक
सनरूफ पहले सिर्फ लग्जरी और प्रीमियम कारों का हिस्सा होता था, लेकिन अब यह 8-10 लाख रुपये की कारों में भी उपलब्ध है।
- समस्या:
- भारत जैसे गर्म और नमी वाले देश में सनरूफ का उपयोग बहुत कम होता है।
- खुला रखने पर सड़क की धूल-मिट्टी और शोर अंदर आता है।
- तेज धूप और गर्मी के कारण ग्राहक इसे बंद रखना ही पसंद करते हैं।
- सेफ्टी चिंताएं:
- सनरूफ वाली कारों में यात्री की सुरक्षा को लेकर अक्सर डर रहता है।
2. एम्बिएंट लाइटिंग: सजावट से ज्यादा नहीं
आजकल की कारों में एम्बिएंट लाइटिंग को प्रीमियम फीचर के रूप में प्रचारित किया जाता है।
- क्या है इसका उपयोग:
- पहले कारों में केवल 1-2 लाइट्स होती थीं, जो पर्याप्त थीं।
- अब पूरे केबिन में रंग-बिरंगी लाइट्स लगाई जाती हैं, जिनका वास्तविक उपयोग न के बराबर है।
- ड्राइविंग पर असर:
- ये लाइट्स कई बार ड्राइवर का ध्यान भटकाती हैं।
- प्रैक्टिकल जरूरत के बजाय इसे केवल सजावट का हिस्सा बना दिया गया है।
3. पैडल शिफ्टर: हर कार के लिए जरूरी नहीं
पैडल शिफ्टर का उपयोग आमतौर पर हाई-एंड स्पोर्ट्स कार या बड़ी SUVs में किया जाता है।
- समस्या:
- 100 बीएचपी की पावर वाली गाड़ियों में इसकी कोई खास आवश्यकता नहीं है।
- भारत की सड़कों पर स्पीड लिमिट के कारण इसका उपयोग सीमित हो जाता है।
- वास्तविक उपयोग:
- पैडल शिफ्टर मुख्य रूप से थ्रिलिंग कंट्रोल के लिए होता है, जो साधारण कारों में प्रासंगिक नहीं है।
4. कीलेस पुश बटन स्टार्ट: स्टाइलिश लेकिन गैरजरूरी
यह फीचर अब कई बी-सेगमेंट हैचबैक और मिड-रेंज कारों में उपलब्ध है।
- क्या करता है:
- बिना चाबी के कार को स्टार्ट और अनलॉक करने की सुविधा देता है।
- समस्या:
- ड्राइविंग हैबिट में इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
- रिमोट लॉकिंग फीचर के साथ यह सुविधा लगभग हर कार में मिलती है।
- इसके लिए अतिरिक्त पैसे खर्च करना समझदारी नहीं है।
5. LED डे-टाइम रनिंग लाइट्स (DRL): स्टाइल का हिस्सा
आजकल लगभग हर कार में LED DRL दिया जा रहा है, भले ही वह बजट कार हो।
- मूल उद्देश्य:
- सामने से आने वाले वाहनों को आपकी गाड़ी दिखाई दे, खासकर कम रोशनी के समय।
- समस्या:
- इसे अब प्रीमियम फीचर और स्टाइल स्टेटमेंट के रूप में देखा जाने लगा है।
- कई ग्राहक DRL वाली कार इसलिए पसंद करते हैं क्योंकि यह बेस वेरिएंट से ज्यादा स्टाइलिश लगती है।