नो डिटेंशन पॉलिसी: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बड़ा फैसला लेते हुए अब नो डिटेंशन पॉलिसी को खत्म कर दिया है। अब कक्षा 5 और कक्षा 8 की वार्षिक परीक्षा में फेल होने वाले विद्यार्थियों को फेल कर दिया जाएगा। असफल छात्रों को दो महीने के भीतर दोबारा परीक्षा देने का अवसर मिलेगा, लेकिन यदि वे दूसरी बार असफल होते हैं, तो उन्हें आगे बढ़ने की अनुमति दी जाएगी। स्कूल 8वीं क्लास तक किसी भी छात्र को स्कूल से नहीं निकालेगा.
सोमवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ को खत्म कर लंबे समय से चली आ रही व्यवस्था को बदल दिया। इस फैसले के बाद अब कक्षा 5 और 8 की वार्षिक परीक्षा में फेल होने वाले छात्र फेल हो गए हैं.
कक्षा 5 और 8 के छात्र होंगे प्रभावित
सरकार का मानना है कि नई नीति का उद्देश्य छात्रों की सीखने की क्षमता और शैक्षणिक प्रदर्शन में सुधार करना है। मंत्रालय ने छात्रों के शैक्षणिक प्रदर्शन में सुधार के उद्देश्य से नो डिटेंशन पॉलिसी को समाप्त करने का निर्णय लिया है। इस नीति पर लंबे समय से चर्चा चल रही है, लेकिन अब नई व्यवस्था के तहत कक्षा 5 और 8 में वार्षिक परीक्षा में फेल होने वाले छात्रों को बाहर कर दिया जाएगा।
दो महीने के अंदर दोबारा परीक्षा देने का मौका
नई व्यवस्था के मुताबिक फेल छात्रों को दो महीने के अंदर दोबारा परीक्षा देने का मौका मिलेगा, लेकिन अगर ये छात्र दूसरी बार फेल होते हैं तो उन्हें अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया जाएगा. लेकिन सरकार ने यह भी साफ कर दिया कि 8वीं क्लास तक किसी भी छात्र को स्कूल से नहीं निकाला जाएगा.
इसके लिए लिया गया फैसला
शिक्षा मंत्रालय के सचिव संजय कुमार ने कहा कि बच्चों के पढ़ाई के नतीजे बेहतर करने के मकसद से यह फैसला लिया गया है. उनका कहना है कि बच्चों की सीखने की क्षमता में गिरावट को रोकने के लिए यह कदम जरूरी माना जा रहा है. मंत्रालय ने विशेष रूप से कक्षा 5 और कक्षा 8 पर ध्यान केंद्रित किया है। क्योंकि ये कक्षाएं बुनियादी शिक्षा के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। इस नई नीति से छात्रों और शिक्षकों दोनों को पढ़ाई के प्रति अधिक जिम्मेदार बनाने का प्रयास किया गया है।