गुजरात के कच्छ में भूकंप के झटके: 3.7 तीव्रता का असर, कोई हताहत नहीं

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गुजरात के कच्छ जिले में सोमवार सुबह 3.7 की तीव्रता से भूकंप के झटके महसूस किए गए। यह झटका सुबह 10:44 बजे आया। राहत की बात यह है कि अभी तक किसी जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है। इस महीने कच्छ में यह दूसरी बार है जब तीन या उससे अधिक तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। इससे पहले 7 दिसंबर को 3.2 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया था।

पिछले महीने भी आए थे भूकंप

गुजरात के कच्छ में भूकंप का सिलसिला लगातार जारी है।

  • 18 नवंबर 2023: कच्छ में 4.0 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया।
  • 15 नवंबर 2023: उत्तर गुजरात के पाटन में 4.2 तीव्रता का झटका महसूस किया गया।

गुजरात को भारत का उच्च भूकंप जोखिम क्षेत्र माना जाता है। पिछले 200 वर्षों में राज्य ने नौ बड़े भूकंप झेले हैं।

  • 26 जनवरी 2001: कच्छ में आया भूकंप भारत के इतिहास में तीसरा सबसे बड़ा भूकंप था।

भूकंप क्यों आता है?

भूकंप पृथ्वी के अंदर मौजूद प्लेट्स की हलचल का परिणाम है।

  • पृथ्वी की सतह के नीचे 7 प्रमुख प्लेट्स होती हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं।
  • जब ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं, तो एक दबाव बनता है।
  • अत्यधिक दबाव के कारण प्लेट्स टूटने लगती हैं, जिससे भीतर की ऊर्जा बाहर निकलती है और भूकंप उत्पन्न होता है।

भूकंप का केंद्र और तीव्रता क्या होती है?

  1. भूकंप का केंद्र (Epicenter):
    • वह स्थान जहां प्लेट्स के टकराने से ऊर्जा निकलती है।
    • इस स्थान पर भूकंप का प्रभाव सबसे अधिक होता है।
  2. तीव्रता:
    • रिक्टर स्केल पर 7 या अधिक की तीव्रता वाले भूकंप का प्रभाव 40 किमी के दायरे तक घातक हो सकता है।
    • भूकंप की आवृत्ति (कंपन) यदि ऊर्ध्वाधर दिशा में होती है, तो इसका असर कम क्षेत्र में सीमित रहता है।

भूकंप की तीव्रता कैसे मापी जाती है?

भूकंप को रिक्टर स्केल पर मापा जाता है, जिसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है।

  • मापन का पैमाना 1 से 9 तक होता है।
  • एपिसेंटर (Epicenter): भूकंप के केंद्र से निकलने वाली ऊर्जा की तीव्रता को मापा जाता है।
  • इस पैमाने पर तीव्रता जितनी अधिक होती है, भूकंप का झटका उतना ही घातक होता है।

गुजरात में भूकंप की घटनाएं: क्या कहती हैं विशेषज्ञों की रिपोर्ट?

  • गुजरात के कच्छ क्षेत्र को भारत के सिस्मिक जोन V में रखा गया है, जो सबसे अधिक जोखिम वाले क्षेत्रों में आता है।
  • विशेषज्ञों का मानना है कि कच्छ जैसे क्षेत्रों में लगातार छोटे भूकंप बड़ी घटनाओं के संकेत हो सकते हैं।

सुरक्षा उपाय और जागरूकता

भूकंप जैसे प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए सरकार और विशेषज्ञों द्वारा निम्नलिखित सुझाव दिए गए हैं:

  1. आपातकालीन किट तैयार रखें।
  2. भूकंप के समय खुले स्थानों की ओर जाएं।
  3. इमारतों से बाहर निकलने के लिए लिफ्ट की बजाय सीढ़ियों का उपयोग करें।