हरियाणा सरकार ने शिक्षा के अधिकार (आरटीई)-2009 में हुए संशोधन के बाद एक बड़ा फैसला लिया है। अब 5वीं और 8वीं कक्षा में विद्यार्थियों को पास अंक प्राप्त करना अनिवार्य होगा। यदि कोई विद्यार्थी न्यूनतम अंक हासिल नहीं कर पाता है, तो उसे अगली कक्षा में दाखिला नहीं मिलेगा। यह बदलाव 2025 के नए शैक्षणिक सत्र से लागू किया जाएगा।
क्या है नया नियम?
हरियाणा शिक्षा निदेशालय ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के निर्देशों के तहत यह फैसला लिया है। नए नियमों के अनुसार:
- पास अंक जरूरी: 5वीं और 8वीं कक्षा में विद्यार्थियों को पास होने के लिए न्यूनतम अंक लाने होंगे।
- मर्सी चांस: अगर विद्यार्थी फेल होता है, तो उसे 60 दिनों बाद एक और परीक्षा देने का मौका मिलेगा।
- फेल होने पर रोक: यदि विद्यार्थी मर्सी चांस के बाद भी पास नहीं हो पाता, तो उसे पहले परीक्षा पास करनी होगी। तभी उसे अगली कक्षा में प्रवेश मिलेगा।
कमजोर छात्रों के लिए विशेष प्रावधान
- अतिरिक्त कक्षाएं: परीक्षा में कम अंक लाने वाले विद्यार्थियों के लिए विशेष कक्षाएं लगाई जाएंगी।
- अभिभावकों की काउंसलिंग: स्कूल प्रमुख जरूरत समझने पर अभिभावकों की काउंसलिंग भी कर सकते हैं।
बदलाव की वजह क्या है?
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को शिकायतें मिली थीं कि 1 से 8वीं कक्षा में फेल न करने की नीति के कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही थी।
- लर्निंग गैप: बिना फेल किए अगली कक्षा में भेजे जाने से बच्चे पिछली कक्षा का पाठ्यक्रम भूलते जा रहे थे।
- कठिनाई: 9वीं कक्षा में प्रवेश के बाद शिक्षकों को विद्यार्थियों को पुराने पाठ्यक्रम समझाने में अधिक मेहनत करनी पड़ रही थी।
स्कूल प्रबंधन पर सख्ती
शिक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि किसी भी विद्यार्थी को प्रारंभिक शिक्षा पूरी किए बिना स्कूल से नहीं निकाला जा सकता। यदि कोई स्कूल इस नियम का उल्लंघन करता है, तो संबंधित प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
अधिकारी का बयान
निर्मल दहिया, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, हिसार, ने कहा:
“हमें मुख्यालय से निर्देश मिला है कि 5वीं और 8वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए पास अंक अनिवार्य होंगे। मर्सी चांस के बाद भी फेल होने पर विद्यार्थी को अगली कक्षा में दाखिला नहीं मिलेगा। यह नियम 2025 के सत्र से लागू किया जाएगा।”