स्कूल जाते वक्त एक दर्दनाक हादसे में बच्चों को ले जा रही एक बस गड्ढे में पलट गई। इस दुर्घटना में कई बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। बच्चों को सिर, हाथ, और पैरों में गंभीर चोटें आई हैं। कुछ बच्चों के फ्रैक्चर होने की भी खबर है। मौके पर पहुंचे ग्रामीण और पुलिस ने बचाव कार्य शुरू कर बच्चों को बस से निकालकर अस्पताल पहुंचाया।
कैसे हुआ हादसा?
यह हादसा कृष्णा पब्लिक स्कूल की बस के साथ हुआ, जो उदयपुर, नगलालाला, कठैरा आलमपुर, परौली गोलारा जैसे गांवों से करीब 35 बच्चों को स्कूल ले जा रही थी। जब बस बघियार के पास पहुंची, तो ड्राइवर का संतुलन बिगड़ गया, और बस गड्ढे में जा गिरी।
आसपास के ग्रामीणों ने बच्चों की चीख-पुकार सुनकर तुरंत मौके पर पहुंचकर राहत कार्य शुरू किया। उन्होंने बच्चों को बस से बाहर निकाला और अस्पताल भिजवाया।
ओवरटेक के चक्कर में हुआ हादसा
ग्रामीणों ने बताया कि हादसे के वक्त बस ने एक बुग्गी को ओवरटेक करने की कोशिश की। इस दौरान बस का संतुलन बिगड़ गया, और वह गड्ढे में पलट गई। दुर्घटना के समय बस में सवार बच्चों में से दो-चार की हालत गंभीर बताई जा रही है। हादसे से बच्चे बुरी तरह घबरा गए।
परिजनों में आक्रोश
घटना की सूचना मिलने के बाद बच्चों के परिजन मौके पर पहुंचे। कुछ माता-पिता स्कूल भी पहुंचे और प्रधानाचार्य शैलेंद्र यादव से सवाल किए। जब उनसे पूछा गया कि कुछ बच्चों का पता क्यों नहीं चल पा रहा, तो वे कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके।
स्थिति बिगड़ने पर कुछ बच्चों को स्कूल के प्रबंधक ने अपनी गाड़ी से घर पहुंचाया। इस दौरान परिजनों ने स्कूल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया।
घायलों की स्थिति
- विष्णु और शौर्य, निवासी नगलालाला, हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए।
- शौर्य के सिर पर 12 टांके आए और उसके पैर में भी अंदरूनी चोटें हैं।
- विष्णु के हाथ और पैर में गहरी चोटें आईं।
परिजनों ने उन्हें नजदीकी प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया और इलाज कराया।
स्कूल प्रशासन पर उठे सवाल
घटना के बाद पता चला कि स्कूल की एक ही बस बच्चों को लाने-ले जाने के लिए दो बार चक्कर लगाती है। इससे ड्राइवर को जल्दबाजी रहती है, जो हादसे का बड़ा कारण बन सकता है। परिजनों ने इस लापरवाही के लिए स्कूल प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया।
सरकार और प्रशासन से उम्मीदें
घटना के बाद स्थानीय प्रशासन ने बचाव कार्य में तेजी दिखाई, लेकिन इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है। परिजन स्कूलों से बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग कर रहे हैं।