पर्याप्त धूप के बावजूद 90% भारतीयों में विटामिन डी की कमी क्यों है? जानिए चौंकाने वाला सच

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भारतीयों में विटामिन-डी की कमी: भारत एक उष्णकटिबंधीय देश है, जहां साल भर भरपूर धूप रहती है। हालांकि, भारतीयों में विटामिन डी की कमी तेजी से बढ़ रही है। यह स्थिति आश्चर्यजनक है, लेकिन इसके पीछे शहरी जीवनशैली, सांस्कृतिक आदतें और पर्यावरणीय कारण प्रमुख भूमिका निभाते हैं।

साइंटिफिक रिपोर्ट्स जर्नल में प्रकाशित 2024 के एक अध्ययन के अनुसार, दक्षिणी भारत के शहरी इलाकों में वयस्कों में विटामिन डी की कमी आम है। उत्तर भारत में किए गए एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि 50 वर्ष से अधिक आयु के 91.2% स्वस्थ वयस्कों में विटामिन डी की गंभीर कमी थी। 2023 में टाटा 1एमजी लैब्स द्वारा किए गए एक सर्वे में यह तथ्य सामने आए कि हर तीन में से एक भारतीय विटामिन डी की कमी से पीड़ित है। युवा आबादी (25 वर्ष से कम) में यह आंकड़ा बढ़कर 84% हो गया, जबकि 25-40 आयु वर्ग में यह 81% था।

कम धूप और अन्य कारण
* डॉक्टरों के मुताबिक, शहरी इलाकों में लोग अपना ज्यादातर समय घर या ऑफिस में बिताते हैं, जिससे उनकी त्वचा को पर्याप्त धूप नहीं मिल पाती है. इसके अतिरिक्त, शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनने की भारतीय सांस्कृतिक परंपरा भी सूर्य के प्रकाश के संपर्क को कम करती है।
* सूरज की हानिकारक किरणों और प्रदूषण से बचने के लिए सनस्क्रीन का अत्यधिक इस्तेमाल भी विटामिन डी की कमी का एक प्रमुख कारण है। धूल, धुआं और धुआं सूरज की यूवीबी किरणों को रोकते हैं, जो त्वचा में विटामिन डी के निर्माण के लिए आवश्यक हैं।
* भारतीयों की त्वचा में मेलेनिन अधिक होता है, जिसके कारण वे हल्की त्वचा वाले लोगों की तुलना में अधिक समय तक सूर्य के संपर्क में रहते हैं। इसके अतिरिक्त, भारतीय आहार में मछली, अंडे की जर्दी और फोर्टिफाइड डेयरी उत्पादों जैसे विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थों का अभाव है।

विटामिन डी क्यों महत्वपूर्ण है?
विटामिन डी हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसकी कमी से थकान, जोड़ों में दर्द, बार-बार बीमार होना और मूड खराब होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। लंबे समय तक इसकी कमी से मधुमेह, कैंसर और रिकेट्स जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

सरल उपाय: 
* सुबह 8 से 11 बजे के बीच 15-30 मिनट धूप में बिताएं।
* अपने आहार में विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल करें, जैसे सैल्मन, मैकेरल और फोर्टिफाइड अनाज।
* डॉक्टर की सलाह के अनुसार विटामिन डी की खुराक लें।