दिल्ली की महरौली विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी (AAP) ने मौजूदा विधायक नरेश यादव के चुनाव लड़ने से इनकार के बाद महेंद्र चौधरी को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। नरेश यादव पर कुरान के अपमान का आरोप है और उन्होंने कोर्ट से बाइज्जत बरी होने तक चुनाव न लड़ने का फैसला किया है। यादव ने अपनी यह मंशा पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल को बताई, जिसके बाद पार्टी ने महेंद्र चौधरी पर दांव लगाया है।
कौन हैं महेंद्र चौधरी?
- महेंद्र चौधरी की पत्नी, रेखा महेंद्र चौधरी, महरौली से आम आदमी पार्टी की मौजूदा पार्षद हैं।
- 2020 के विधानसभा चुनाव में महेंद्र चौधरी ने कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर महरौली सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें तीसरा स्थान मिला।
- 2022 में उन्होंने कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी का दामन थामा।
- उनकी शैक्षिक पृष्ठभूमि में स्नातक की डिग्री है, और वह वर्तमान में बरेली की एमजेपीआर यूनिवर्सिटी से एलएलबी कर रहे हैं।
- उनके खिलाफ चार आपराधिक मामले दर्ज हैं।
नरेश यादव का बयान
नरेश यादव ने चुनाव न लड़ने की जानकारी अरविंद केजरीवाल से मुलाकात के बाद दी। उन्होंने एक्स पर लिखा:
“आज से 12 साल पहले अरविंद केजरीवाल जी की ईमानदार राजनीति से प्रेरित होकर मैं AAP में शामिल हुआ। पार्टी ने मुझे बहुत कुछ दिया। मैंने अरविंद जी से निवेदन किया कि जब तक कोर्ट से मैं बाइज्जत बरी नहीं हो जाता, तब तक मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा।”
यादव ने आगे कहा:
“मुझ पर लगाए गए आरोप राजनीति से प्रेरित और झूठे हैं। मैं महरौली के लोगों की सेवा करता रहूंगा और एक कार्यकर्ता की तरह पूरी मेहनत से केजरीवाल जी को दोबारा मुख्यमंत्री बनाऊंगा। जय हिंद। भारत माता की जय।”
नरेश यादव पर आरोप
नरेश यादव पर कुरान की बेअदबी का गंभीर आरोप है।
- उनका कहना है कि वह निर्दोष हैं और यह आरोप राजनीति से प्रेरित हैं।
- उन्होंने साफ किया कि वह अदालत से बाइज्जत बरी होने के बाद ही चुनाव लड़ेंगे।
आप की चुनावी रणनीति
महरौली सीट पर महेंद्र चौधरी को उम्मीदवार बनाकर AAP ने विपक्षी दलों को कड़ी चुनौती देने की तैयारी की है।
- महेंद्र चौधरी के कांग्रेस बैकग्राउंड और स्थानीय जुड़ाव को AAP अपने पक्ष में भुनाना चाहती है।
- महरौली में नरेश यादव के कार्यकाल को भी जनता के सामने मजबूत प्रदर्शन के तौर पर पेश किया जाएगा।