कांग्रेस ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुवैत दौरे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बार-बार विदेश जाने वाले प्रधानमंत्री ने हिंसा प्रभावित मणिपुर के लोगों की अनदेखी की। प्रधानमंत्री मोदी रक्षा और व्यापार समेत कई क्षेत्रों में संबंध मजबूत करने के लिए कुवैत की दो दिवसीय यात्रा पर रवाना हुए। यह 43 सालों बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली कुवैत यात्रा है।
कांग्रेस का तंज: मणिपुर की अनदेखी
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा:
“मणिपुर के लोग अब भी प्रधानमंत्री का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन श्रीमान मोदी कोई तारीख तय करने से इनकार कर रहे हैं। वह फिर से विदेश दौरे पर निकल गए, इस बार कुवैत।”
कांग्रेस का कहना है कि प्रधानमंत्री का मणिपुर दौरा वहां शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने में मददगार हो सकता है।
मणिपुर हिंसा: अब तक का हाल
मणिपुर में तीन मई 2023 को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की बहुसंख्यक मेइती समुदाय की मांग के विरोध में हिंसा भड़क गई थी।
- इस हिंसा में अब तक 220 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
- मेइती और कुकी समुदायों के बीच संघर्ष के चलते राज्य में अस्थिरता बनी हुई है।
कुवैत यात्रा: 43 साल बाद भारतीय प्रधानमंत्री की यात्रा
प्रधानमंत्री मोदी ने कुवैत दौरे पर रवाना होने से पहले कहा कि यह यात्रा भारत और कुवैत के बीच भविष्य की साझेदारी का खाका तैयार करेगी।
- मोदी से पहले, 1981 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कुवैत की यात्रा की थी।
प्रधानमंत्री का बयान
पीएम मोदी ने कहा:
“कुवैत के साथ हमारे ऐतिहासिक संबंध बेहद खास हैं। हम न केवल व्यापार और ऊर्जा के क्षेत्रों में मजबूत साझेदार हैं, बल्कि पश्चिम एशिया में शांति, सुरक्षा, और स्थिरता में भी हमारा साझा हित है।”
प्रधानमंत्री ने इस यात्रा को कुवैत के अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा के निमंत्रण पर किया। उन्होंने कुवैत के अमीर, युवराज और प्रधानमंत्री से मुलाकात को लेकर उत्साह जताया।
भारतीय समुदाय से मिलने की उम्मीद
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह कुवैत में बसे भारतीय प्रवासियों से मिलने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने कहा:
“भारतीय प्रवासियों ने दोनों देशों के बीच दोस्ती के बंधन को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई है।”