उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में धारचूला-तवाघाट नेशनल हाईवे पर अचानक एक पहाड़ी बिना बारिश के ही दरक गई, जिससे हाईवे पर यातायात पूरी तरह बंद हो गया। इस भूस्खलन के कारण सड़क के दोनों ओर कई वाहन फंसे हुए हैं और यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
पहाड़ी दरकने की घटना
शनिवार सुबह करीब 10 बजे धारचूला-तवाघाट हाईवे पर रोंगती नाले के पास यह घटना हुई। बारिश न होने के बावजूद पहाड़ी अचानक भरभराकर गिर गई। गनीमत यह रही कि घटना के समय मार्ग पर कोई वाहन या व्यक्ति मौजूद नहीं था, जिससे किसी तरह की जानमाल की हानि नहीं हुई।
यात्रियों और वाहनों की स्थिति
भूस्खलन के चलते हाईवे के दोनों ओर कई वाहन फंस गए हैं। मार्ग के बंद होने से यात्रियों को भारी परेशानियां हो रही हैं। लोग अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए असहाय नजर आ रहे हैं, क्योंकि वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध नहीं हैं।
सड़क खोलने के प्रयास
पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी (डीएम) विनोद गोस्वामी ने बताया कि मार्ग को खोलने का काम युद्धस्तर पर जारी है। उन्होंने कहा कि जेसीबी और अन्य भारी मशीनरी की मदद से मलबा हटाया जा रहा है। भारी मात्रा में गिरे मलबे की वजह से सड़क को पूरी तरह साफ करने में समय लग सकता है।
अधिकारियों की तत्परता
घटना की जानकारी मिलने के बाद एसडीएम मंजीत सिंह मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने बीआरओ (बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन) के अधिकारियों को जल्द से जल्द मार्ग खोलने के आदेश दिए। बीआरओ की टीमें मौके पर पहुंचकर तेजी से काम कर रही हैं ताकि यातायात को बहाल किया जा सके।
उत्तराखंड में पहाड़ दरकने की समस्या
उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में पहाड़ों के दरकने की घटनाएं आम हो चुकी हैं। मानसून के दौरान ऐसी घटनाएं और ज्यादा देखने को मिलती हैं, लेकिन बिना बारिश के पहाड़ का दरकना चिंता का विषय है। भूस्खलन के कारण नेशनल हाईवे बंद होने से:
- यातायात जाम हो जाता है।
- यात्रियों को लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है।
- आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति बाधित होती है।
डीएम का बयान
डीएम विनोद गोस्वामी ने बताया, “शनिवार सुबह भारी मात्रा में भूस्खलन के चलते तवाघाट के समीप नेशनल हाईवे बंद हो गया है। बीआरओ की टीमें सड़क को साफ करने का काम कर रही हैं। उम्मीद है कि जल्द ही यातायात बहाल हो जाएगा।”
निष्कर्ष
पिथौरागढ़ में हुई यह घटना एक बार फिर इस क्षेत्र में भूस्खलन की गंभीरता को उजागर करती है। पर्वतीय इलाकों में यात्रा करने वाले लोगों को ऐसे खतरों के प्रति हमेशा सतर्क रहना चाहिए। प्रशासन और बीआरओ की सक्रियता के चलते जल्द ही मार्ग को खोलने की उम्मीद की जा रही है, लेकिन इस दौरान यात्रियों को धैर्य बनाए रखना होगा।