आईपीएल के संस्थापक ललित कुमार मोदी को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने मोदी की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को प्रवर्तन निदेशालय (ED) को ₹10.65 करोड़ का भुगतान करने का आदेश देने की मांग की थी। अदालत ने इस याचिका को “मूर्खतापूर्ण” करार दिया और मोदी पर ₹1 लाख का जुर्माना भी लगाया है।
अदालत की टिप्पणी और जुर्माना
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, बॉम्बे हाईकोर्ट ने आदेश में स्पष्ट रूप से कहा,
“यह याचिका मूर्खतापूर्ण है और इसलिए इसे खारिज किया जाता है।”
इसके साथ ही, अदालत ने ललित मोदी को चार हफ्तों के भीतर ₹1 लाख का जुर्माना टाटा मेमोरियल अस्पताल के खाते में जमा करने का निर्देश दिया। जुर्माना जमा करने के बाद, मोदी को इसकी रसीद और संबंधित दस्तावेज अदालत में जमा करने होंगे।
अदालत ने जुर्माने की राशि जमा करने के लिए बैंक का विवरण भी साझा किया:
- खाता संख्या: 1002449683
- IFSC कोड: CBIN0284241
- बैंक का नाम: सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
याचिका में क्या थी मोदी की मांग?
ललित मोदी ने अपनी याचिका में दावा किया था कि मई 2018 में उनके खिलाफ फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के तहत ₹10.65 करोड़ का जुर्माना लगाया गया था। मोदी का तर्क था कि BCCI को यह रकम प्रवर्तन निदेशालय (ED) को जमा करनी चाहिए।
अदालत का फैसला
हाईकोर्ट ने मोदी की इस मांग को न केवल खारिज किया, बल्कि उनकी याचिका को “बिना किसी आधार के” करार दिया। इसके साथ ही, अदालत ने बीसीसीआई के पूर्व उपाध्यक्ष ललित मोदी पर ₹1 लाख का जुर्माना लगाया और यह राशि चार हफ्ते के भीतर टाटा मेमोरियल अस्पताल में जमा करने का निर्देश दिया।
बीसीसीआई और मोदी के बीच विवाद का सिलसिला
ललित मोदी और बीसीसीआई के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। आईपीएल के शुरुआती दिनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले मोदी पर बाद में वित्तीय अनियमितताओं और फेमा उल्लंघन के गंभीर आरोप लगे। इस घटना ने दोनों पक्षों के बीच संबंधों को और तनावपूर्ण बना दिया है।
न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग पर कोर्ट की सख्त टिप्पणी
हाईकोर्ट ने मोदी की याचिका को न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग माना। कोर्ट का यह सख्त रुख उन लोगों के लिए एक कड़ा संदेश है, जो कानूनी प्रक्रियाओं का उपयोग अपने निजी हित साधने के लिए करते हैं।