संसद के शीतकालीन सत्र का समापन: हंगामे और आरोप-प्रत्यारोप के बीच समाप्त हुई कार्यवाही

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संसद के शीतकालीन सत्र में आखिरी दिनों तक हंगामा और विवाद जारी रहा। शुक्रवार को सत्र के अंतिम दिन लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने बाबासाहेब आंबेडकर के कथित अपमान को लेकर जोरदार हंगामा किया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सांसदों से अपनी सीट पर लौटने का अनुरोध किया और घोषणा की कि राष्ट्रगीत गाया जाएगा। राष्ट्रगीत के बाद लोकसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।

सत्र के आखिरी दिन लोकसभा ने देश में एक साथ चुनाव कराने से जुड़े दो विधेयकों को संसद की संयुक्त समिति को भेजने का प्रस्ताव पारित किया। दूसरी ओर, राज्यसभा की कार्यवाही हंगामे के कारण दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई।

विरोध प्रदर्शन और धक्का-मुक्की
सत्र के अंतिम दिन विपक्षी सांसदों ने विजय चौक पर इकट्ठा होकर गृह मंत्री अमित शाह की कथित “अपमानजनक” टिप्पणी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। गुरुवार को संसद भवन परिसर में प्रदर्शन के दौरान धक्का-मुक्की की घटनाएं सामने आईं। भाजपा सांसद प्रताप सारंगी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उन्हें धक्का दिया, जिससे वह चोटिल हो गए। भाजपा सांसद मुकेश राजपूत को भी चोट लगने की बात कही गई।

इस घटना के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा कि संसद के किसी भी द्वार पर सांसद या राजनीतिक दल प्रदर्शन नहीं कर सकते।

सत्तापक्ष और विपक्ष आमने-सामने
गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी को लेकर शुक्रवार को विपक्षी दलों ने संसद भवन के मकर द्वार पर मार्च निकाला। वहीं, भाजपा ने कांग्रेस पर बाबासाहेब आंबेडकर के अपमान का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया। इस दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष के सांसद आमने-सामने आ गए और नारेबाजी हुई।

भाजपा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हमेशा बाबासाहेब का अपमान किया है और उनके चुनाव हारने का मार्ग प्रशस्त किया। दूसरी तरफ, कांग्रेस का कहना है कि भाजपा सांसदों ने उनके अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और महिला सांसदों को संसद में प्रवेश करने से रोका और धक्का-मुक्की की।

अमित शाह की टिप्पणी पर विवाद
विवाद का केंद्र गृह मंत्री अमित शाह की वह टिप्पणी है, जिसमें उन्होंने राज्यसभा में “भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा” पर चर्चा के दौरान विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा था, “अभी एक फैशन हो गया है- आंबेडकर, आंबेडकर…। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।”

कांग्रेस ने शाह की इस टिप्पणी को बाबासाहेब का अपमान बताया और इसका एक वीडियो भी जारी किया। वहीं, भाजपा ने कांग्रेस पर आंबेडकर के चुनाव हारने की साजिश का आरोप लगाते हुए पलटवार किया।

सत्र का समापन हंगामे और आरोप-प्रत्यारोप के बीच हुआ, लेकिन यह स्पष्ट है कि संसद में राजनीतिक तनाव आने वाले समय में भी जारी रहेगा।