एनटीए परीक्षाओं में बड़े बदलाव: नीट यूजी, जेईई मेन और सीयूईटी को लेकर केंद्र सरकार की योजना

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केंद्र सरकार नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के कामकाज में सुधार और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए नीट यूजी 2025, जेईई मेन 2025 और सीयूईटी 2025 जैसी परीक्षाओं में बदलाव करने की योजना बना रही है। यह कदम नीट यूजी 2024 में सामने आई गड़बड़ियों के बाद उठाया गया है। इसके लिए गठित उच्च-स्तरीय समिति ने डिजी-एग्जाम सिस्टम और अन्य कई सुधारों की सिफारिश की है।

डिजी-एग्जाम सिस्टम का सुझाव

समिति ने परीक्षा प्रक्रिया में किसी भी धांधली को रोकने के लिए डिजी यात्रा की तर्ज पर डिजी-एग्जाम सिस्टम अपनाने की सिफारिश की है।

  • समिति का तर्क:
    • उम्मीदवारों को बार-बार डेटा अपलोड करना होगा।
    • आवेदन प्रक्रिया के दौरान डेटा सत्यापन पर्याप्त नहीं है।
    • यह सुनिश्चित करेगा कि परीक्षा देने वाला और कोर्स में एडमिशन लेने वाला व्यक्ति एक ही हो।
    • इससे कम्युनिकेशन गैप और विसंगतियां खत्म होंगी।

एनटीए के कामकाज में बदलाव

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि एनटीए अब केवल प्रवेश परीक्षाओं पर ध्यान केंद्रित करेगा।

  • भर्ती परीक्षाएं:
    एनटीए अब विश्वविद्यालयों के नॉन-टीचिंग पदों के लिए भर्ती परीक्षाएं आयोजित नहीं करेगा।

सिफारिशें: परीक्षाओं का नया ढांचा

समिति ने परीक्षा के लिए कई सुधार सुझाए हैं:

  1. कंप्यूटर-आधारित टेस्ट (CBT):
    सभी परीक्षाएं सीबीटी प्रारूप में होंगी।
  2. हाइब्रिड मॉडल:
    जहां सीबीटी संभव नहीं है, वहां डिजिटल प्रश्नपत्र और ओएमआर शीट का उपयोग किया जाएगा।
  3. नीट यूजी के लिए मल्टी-स्टेज टेस्टिंग:
    चरणों में परीक्षा आयोजित होगी, जैसे जेईई मेन।
  4. सीयूईटी में विषयों की संख्या कम करना:
    कुल विषयों को 67 से घटाकर 37 और डोमेन विषयों को 29 से 23 किया जाएगा।
  5. स्थायी कर्मचारी:
    एनटीए में अस्थायी कर्मियों के बजाय स्थायी विशेषज्ञ और पेशेवर नियुक्त किए जाएंगे।
  6. आउटसोर्सिंग कम करना:
    निजी परीक्षा केंद्रों की संख्या घटाकर सरकारी संस्थानों में नए सीबीटी केंद्र स्थापित किए जाएंगे।

एनटीए का पुनर्गठन

पैनल ने एनटीए को और सशक्त बनाने के लिए सुझाव दिए हैं:

  1. विशेषज्ञों की नियुक्ति:
    एनटीए के आंतरिक विशेषज्ञों को परीक्षा प्रक्रिया का प्रभार दिया जाए।
  2. संचालन में सुधार:
    • दो अतिरिक्त महानिदेशक नियुक्त हों।
    • एक एडीजी प्रौद्योगिकी, उत्पाद और संचालन संभालेगा।
    • दूसरा एडीजी सुरक्षा और निगरानी पर ध्यान देगा।
  3. राज्य और जिला स्तर पर समन्वय:
    परीक्षा संचालन में राज्य और जिला अधिकारियों को शामिल किया जाएगा।

मल्टी-सेशन और मल्टी-स्टेज टेस्टिंग

समिति ने मल्टी-सेशन और मल्टी-स्टेज टेस्टिंग का सुझाव दिया है।

  • नीट यूजी के लिए:
    परीक्षाएं चरणों में आयोजित होंगी। प्रत्येक चरण में स्कोरिंग और रैंकिंग होगी।
  • सीयूईटी:
    विषयों की संख्या सीमित कर उन्हें स्ट्रीमलाइन किया जाएगा।

परीक्षा केंद्र आवंटन नीति

  • निवास जिले में केंद्र:
    उम्मीदवारों को उनके निवास जिले में परीक्षा केंद्र चुनने का विकल्प दिया जाएगा।
  • डेटा एनालिटिक्स:
    परीक्षा केंद्रों के संदिग्ध चयन की निगरानी डेटा एनालिटिक्स से होगी।

हाइब्रिड मॉडल का उपयोग

जहां पूरी तरह सीबीटी संभव नहीं है, वहां:

  1. प्रश्नपत्र डिजिटल माध्यम से भेजे जाएंगे।
  2. उम्मीदवार ओएमआर शीट पर उत्तर देंगे।
  3. परीक्षा केंद्रों पर हाई-स्पीड प्रिंटर से प्रश्नपत्र छापे जाएंगे।

हर जिले में स्टैंडर्डाइज्ड टेस्टिंग सेंटर

समिति ने हर जिले में एक स्टैंडर्डाइज्ड टेस्टिंग सेंटर (STC) की सिफारिश की है।

  • सुविधा:
    यह केंद्र सीबीटी और पीपीटी दोनों प्रारूपों में परीक्षा आयोजित कर सकेगा।
  • मोबाइल टेस्टिंग सेंटर (MTC):
    दूरदराज और कठिन इलाकों में बड़ी बसों में 30-40 सीटों वाले मोबाइल टेस्टिंग सेंटर स्थापित किए जाएंगे।

प्रशिक्षण और पुन:प्रशिक्षण

एनटीए और उसके सहयोगियों को प्रशिक्षण और पुन:प्रशिक्षण के जरिए बेहतर बनाया जाएगा।